UP में तेज हुई कोरोना से जंग, DRDO तैयार करेगी दो कोविड अस्पताल, संक्रमितों को भर्ती करने से मना करने वालों की भी खैर नहीं

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमण के बेहद भयावह रूप लेने के कारण अस्पतालों में जगह कम पड़ने लगी है. हालात से निपटने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) लखनऊ में दो कोविड-19 अस्पताल तैयार करेगा.

अस्पताल / फाइल फोटो (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बेहद भयावह रूप लेने के कारण अस्पतालों में जगह कम पड़ने लगी है. हालात से निपटने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) लखनऊ में दो कोविड-19 अस्पताल तैयार करेगा. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के निर्देश पर डीआरडीओ की एक टीम शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ पहुंचेगी. डीआरडीओ की यह टीम दो जगह पर 500-600 बेड की क्षमता वाले दो कोविड अस्पताल तैयार करेगी. वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जिलों में कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने में हीलाहवाली करने को गंभीरता से लिया है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि डीएम और सीएमओ स्तर से भेजे जा रहे कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने में हीलाहवाली करने वालों के खिलाफ नियमानुसार, महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाए. Lockdown in UP: यूपी में हर रविवार को होगा पूर्ण लॉकडाउन; बिना मास्क के दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार का जुमार्ना

कोरोना के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए कोविड प्रबंध के संबंध में मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, सीएमओ और टीम-11 के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने निर्देश दिया है कि लखनऊ में 1000 बेड का नया कोविड हॉस्पिटल स्थापित किया जाए. डिफेंस एक्सपो आयोजन स्थल इसके लिए बेहतर स्थान हो सकता है. इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई तत्काल सुनिश्चित की जाए. कोविड टेस्ट के लिए सरकारी और निजी प्रयोगशालाएं पूरी क्षमता के साथ कार्य करें. इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. कोविड टेस्टिंग के लिए शासन स्तर पर दरें भी तय की जा चुकी हैं. जिला प्रशासन क्वॉलिटी कंट्रोल के साथ इन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों में ओपीडी सेवाएं स्थगित रखी जाए. इस समय भीड़ संक्रमण को बढ़ाने वाला हो सकता है. ओपीडी सेवाओं के लिए टेलीकन्सल्टेशन को बढ़ावा दिया जाए. सरकारी चिकित्सालयों में केवल आपातकालीन सेवाएं ही संचालित हो. मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन 15 मई तक के लिए स्थगित रखा जाए.

लखनऊ के केजीएमयू, बलरामपुर चिकित्सालय और कैंसर इंस्टीट्यूट को डेडीकेटेड कोविड चिकित्सालय बनाया जा रहा है. इससे कोविड मरीजों के उपचार के लिए और अच्छी सुविधा प्राप्त हो सकेगी. इसी प्रकार, एरा मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज, मेयो मेडिकल कॉलेज तथा हिन्द मेडिकल कॉलेज को पूरी तरह डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित किया गया है. यहां शीघ्रातिशीघ्र सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. आपातकालीन सेवाओं के लिए लखनऊ में ट्रॉमा सेंटर का संचालन सुचारू रखा जाए.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास कोविड प्रबंधन का बेहतरीन अनुभव है. हमारी नीतियों को वैश्विक स्तर पर सराहना मिली है. कोविड-19 की इस लड़ाई में हमारी जीत निश्चित है. प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है. कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सभी के हित में है. मास्क, सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी को हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना होगा.

होम आइसोलेशन में निवासरत लोगों की सुविधाओं और जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए. ऐसे मरीजों को सभी प्रकार की आवश्यक दवाओं को समाहित करते हुए मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए. मेडिकल किट में न्यूनतम एक सप्ताह की दवा जरूर हो. दवाओं की कहीं कोई कमी नहीं है. इस कार्य की हर दिन समीक्षा की जाए.

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में प्रतिदिन डीएम, पुलिस कप्तान और सीएमओ नियत समय पर बैठक करें. स्थानीय स्थिति की समीक्षा कर आगे की रणनीति तय करें. अस्पताल में इलाजरत तथा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की जरूरतों और समस्याओं का पूरा ध्यान रखें. सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से मरीजों से लगातार संवाद बनाए रखा जाए. हर दिन की स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी जिलों में, ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशनऔर फॉगिंग का कार्य अभियान के रूप में संचालित किया जाए. आमजन को भी इन कार्यों की महत्ता से अवगत कराया जाए. सभी जनपदों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनवरत आपूर्ति बनी रहे. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन की सुचारु आपूर्ति के संबंध में स्थापित कंट्रोल रूम 24़7 सक्रिय रहे. ऑक्सीजन उपलब्धता की दैनिक समीक्षा करें. प्रत्येक जनपद में चिकित्सा कर्मियों, कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता हमेशी बनी रहे.एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित हो. किसी प्रकार की आवश्यकता पर शासन को अवगत कराएं.

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग रेमिडीसीवीर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें. मुख्य सचिव कार्यालय से इसकी मॉनिटरिंग की जाए. आगामी एक माह की स्थिति का आंकलन करते हुए अतिरिक्त रेमिडीसीवीर क्रय किया जाए.

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