उन्नाव: सीएम योगी को बुलाने पर अड़ा पीड़िता का परिवार, कहा- मुख्यमंत्री के आने तक नहीं होगा अंतिम संस्कार

पीड़िता के परिवार की मांग है कि जब तक सीएम योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. पीड़िता का शव शनिवार उन्नाव स्थित उसके गांव लाया गया.

उन्नाव बलात्कार मामला (Photo Credits: IANS)

उन्नाव: इंसाफ की जंग लड़ते-लड़ते देश की एक और बेटी जिंदगी की जंग हार गई. उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao rape victim) ने शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. अस्पताल में रेप पीड़िता की मौत हो जाने के बाद शनिवार को उसका शव उन्नाव स्थित उसके गांव लाया गया. 23 साल की बलात्कार पीड़िता को 90 फीसदी जली हुई हालत में एयरलिफ्ट कर गुरुवार को दिल्ली लाया गया था और इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में शुक्रवार रात 11.40 बजे उपचार के दौरान उसकी मौत गई थी.

रविवार को पीड़िता का अंतिम संस्कार होना है. पीड़िता के परिवार की मांग है कि जब तक सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) नहीं आएंगे अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में पीड़िता की बहन ने कहा, जब तक सीएम योगी यहां नहीं आ जाते तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा, पीड़िता की बहन ने साथ ही मांग की, उसे सरकारी नौकरी दी जाए.

उन्नाव रेप पीड़िता की मौत पर शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है. सीएम योगी ने कहा कि घटना अत्यंत बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. सीएम ने कहा था, कि सभी आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा, हम इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करेंगे.

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न्याय की मांग कर रहा है परिवार 

पीड़िता के भाई ने कहा था, मेरी बहन को तभी न्याय मिलेगा जब सभी आरोपियों को वहीं भेजा जाएगा 'जहां वह चली गई'.’ मेरी बहन ने मुझसे कहा भाई मुझे बचा लो. मैं उसे बचा नहीं सका. बहन को न्याय दिलाने के लिए उसके अपराधियों को मौत की सजा ही दी जाने चाहिए. उससे कम कुछ भी नहीं. पीड़िता के पिता ने कहा था, हमें डार्क नहीं पड़ता आरोपियों को एनकाउंटर में मारा जाए या फांसी दी जाए. बस उन्हें मौत की सजा दी जानी चाहिए.

योगी सरकार ने रेप पीड़िता की मौत के बाद परिवार को बतौर मुआवजा 25 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. उन्नाव गैंगरेप कांड को लेकर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. सूबे में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सीएम योगी से इस्तीफे की मांग की है.

रेप, ब्लैकमेल और फिर जिंदा जलाया

मामला दिसंबर 2018 का है, जब पीड़िता के साथ रेप हुआ. आरोपियों ने रेप का वीडियो बनाकर पीड़िता को धमकाया. मार्च 2019 में पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की. इसके बाद मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी को जेल भेजा गया. बाद में मुख्य आरोपी जमानत पर जेल से छूट आया. उसने पीड़िता को मारने की कोशिश की. जमानत पर बाहर निकला आरोपी लगातार पीड़िता के परिवार वालों को धमका रहे थे.

पीड़िता लगातार इंसाफ के लिए लड़ रही थी. 5 दिसंबर (गुरुवार) को वह रेप केस में पेशी के लिए उन्नाव के बैसवारा रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़कर रायबरेली जा रही थी. इसी बीच उसपर हमला किया गया. आरोपी हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला किया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

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