उत्तराखंड में नए पुलों के निर्माण से त्रिवेंद्र रावत सरकार ने आसान बनाया जन-जीवन, खूबसूरती बनी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

राज्य सरकार प्रदेश की सड़कों को दुरुस्त करने में तो लगी ही है, लेकिन इसके साथ ही राज्य की जनता को कई पुलों की सौगात भी दी गई है. इन पुलों का इंतजार राज्य की जनता को कई सालों से था, जिसे अब त्रिवेंद्र रावत सरकार ने पूरा किया है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Photo Credits: PTI)

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra singh Rawat) के नेतृत्व में उत्तराखंड (Uttarakhand) लगातार विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है. राज्य सरकार प्रदेश की सड़कों को दुरुस्त करने में तो लगी ही है, लेकिन इसके साथ ही राज्य की जनता को कई पुलों की सौगात भी दी गई है. इन पुलों का इंतजार राज्य की जनता को कई सालों से था, जिसे अब त्रिवेंद्र रावत सरकार ने पूरा किया है. ये पुल स्थानीय निवासियों के जीवन को आसान बना रहे हैं और इसी के साथ ही ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बने हुए हैं. इनमें बहुप्रतीक्षित टिहरी का डोबरा चांठी पुल और ऋषिकेश का जानकी सेतु भी शामिल है.

डोबरा चांठी पुल (Dobra Chanthi Bridge) से टिहरी और उत्तराखंड के लिए विकास का बड़ा द्वार खुल गया है. इसके उद्घाटन पर सीएम रावत ने कहा था, 'डोबरा-चांठी पुल बनने से दो लाख की आबादी के सपनों को पंख मिलेंगे.' डोबरा चांठी पुल का इंतजार टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) के निवासियों को वर्षों से था. यह ऐतिहासिक पुल झील बनने के कारण अलग-थलग पड़े प्रतापनगर वासियों के लिए जीवन रेखा का काम कर रहा है. इसके बनने से प्रतापनगर के लोगों को अब 50-60 किमी अतिरिक्त सफर तय नहीं करना पड़ रहा है. लगभग तीन अरब रुपये की लागत से टिहरी बांध की झील पर बना 725 मीटर लंबा यह पुल देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अगुवाई में उत्तराखंड को मिला एक और तमगा, देहरादून बना 100% साक्षरता वाला राज्य का पहला जिला.

बता दें कि साल 2005 में टिहरी बांध की झील के बनने के कारण प्रतापनगर के आवागमन के रास्ते बंद हो गए थे, जिसके चलते लोगों को वर्षों तक कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. पुल के निर्माण पर सीएम रावत ने कहा था, डोबरा चांठी पुल और 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली टिहरी झील पर्यटन का बड़ा केंद्र बनेंगे तथा भविष्य में लाखों लोगों को रोजगार देंगे. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य के विकास के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं.

ऋषिकेश में बना जानकी सेतु (Janki Bridge) पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है. गंगा नदी पर बने इस पुल का सभी को बेसब्री से इंतजार था. यह पुल टिहरी और पौड़ी जिले को आपस में जोड़ता है जिससे नीलकंठ यात्रा और यमकेश्वर और दुगड्डा जाने वाले लोगों को सीधा लाभ मिलता है. यह 3 लेन पुल पैदल आने-जाने वालों और दोपहिया के लिए ही है. मोटर वाहनों के लिए यह पुल बेहद लाभदायक साबित हो रहा है. इसके अलावा कई फ्लाईओवर से शहर निवासियों को भी यातायात में काफी आसानी हो रही है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड की सड़के और पुल दुरुस्त हो रहे हैं. शहरों से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक कई छोटे-बड़े पुलों और सड़कों का निर्माण रावत सरकार ने किया है और यह काम अभी भी जारी है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि ऋषिकेश में गंगा नदी पर जल्द ही एक और पुल का निर्माण होगा. इसका नाम बजरंग सेतु रखा जाएगा. इसके अलावा सीएम ने ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर सिंगठाली के पास गंगा नदी पर और बैराज-चीला मार्ग पर बीन नदी पर पुल बनाने की भी घोषणा की.

प्रदेश वासियों को यह जानकार बेहद खुशी होगी कि बजरंग सेतु अपने आप में स्टेट ऑफ द आर्ट होगा, जो पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा. इस सेतु में सबसे खास बात यह होगी कि इसके दोनों ओर की लेन कांच की बनाई जाएगी. यह पुल अब तक बने सभी सभी पुलों में सबसे अलग होगा.

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