पीएम मोदी और सुषमा स्वराज को मिले बेशकीमती विदेशी उपहारों से भरा है तोषखाना, भगवान बुद्ध की प्रतिमा, सोने के आभूषण सहित ये हैं खास तोहफे
पीएम नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज (Photo Credit-PTI)

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को अपने कार्यकाल के दौरान बेशकीमती उपहार मिलते रहे हैं. विदेशों से मिले इन उपहारों में पेंटिंग, स्मृति चिह्न, धातु की कलाकृतियां, प्रतिमाएं, आभूषण आदि शामिल हैं. ये बेशकीमती उपहार केंद्र सरकार के खजाने तोषखाना में रखे गए हैं. तोषखाना ऐसे बहुमूल्य उपहारों से भरा हुआ है. Daily Pioneer की एक रिपोर्ट के अनुसार सुषमा स्वराज ने अप्रैल-जून के बीच तोषखाना में सबसे अधिक उपहार जमा किए. उन्होंने इन तीन महीनों में तोषखाना में 11 उपहार जमा किए.

तोषखाना में पीएम मोदी ने भगवान बुद्ध की एक हाथ से बनाई हुई समाधि जिसकी कीमत 3 लाख रुपये है. बुद्ध की लकड़ी से अबनी हुई मूर्ति जिसकी कीमत 1 लाख रुपये है. सोने के रंग की सजावटी सेवारत प्लेट (कीमत 15,000 रुपये) कवर किए गए चीनी मिट्टी के बरतन (11,000 रुपये). 10,000 रुपये की कीमत के लकड़ी के बक्से में एक विरासत स्थल, 7,000 रुपये का नीला चीनी मिट्टी का बरतन और लकड़ी के बक्से में एक मालदीवियन लकड़ी का फूलदान और एक पत्थर का बर्तन (प्रत्येक रुपये 5,000 रुपये) जमा किया है.

रत्न-आभूषणों से भरा है तोषखाना

इसके अलावा, 8,000 रुपये कीमत की एक पारंपरिक चूड्रोम (लकड़ी की मेज), 3,000 रुपये की कीमत वाला एक सजावटी लेटरहेड बॉक्स, एक मॉन्ट ब्लैंक बॉलपॉइंट पेन और एक मैलाकाइट पत्थर की चिट्ठी पीएम मोदी द्वारा तोषखाना में जमा की गई है. सुषमा स्वराज द्वारा जमा कराए गए विदेशी उपहारों में 6.70 करोड़ रुपये का एक महंगा चांदी का हीरा पन्ना आभूषण, 1,000 रुपये की लकड़ी की शोपीस, 1.14 लाख रुपये के फ्रेम में सजे सोने के आभूषण सेट, 1 लाख रुपये के सिल्क का कालीन शामिल हैं, 2,500 रुपये की बड़ी चित्रित फूलदान, 2,000 रुपये के एक हाथी का एक गिलास शोपीस और 5 गोल्ड प्लेटेड वाला लकड़ी का शोपीस शामिल है.

बीजेपी के एक नेता ने भारतीय पुरातत्व विभाग को अपनी विदेश यात्रा पर प्राप्त एक सुनहरे मुखौटे दिया है. वित्त मंत्री  सुब्रह्मण्यम जयशंकर, जिन्होंने स्वराज के बाद विदेश मंत्री कार्यभार ग्रहण किया उन्होंने अब तक कांच के आधार वाला एक सुनहरा जहाज, बुद्ध की एक कांस्य प्रतिमा, एक लकड़ी की मेज और एक 10 हजार रुपये की साड़ी को तोषखाने में जमा किया है.

तोषखाना में जाते हैं ये उपहार

विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम-2010 के अनुसार जब किसी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के किसी सदस्य को दान या भेंट के माध्यम से विदेशी संपत्ति प्राप्त होती है, तो उसे ऐसे दान या भेंट मिलने के तीन दिन के भीतर संबंधित मंत्रालय या विभाग को देनी होती है.

अगर ऐसे दान या भेंट का अनुमानत: मूल्य पांच हजार रुपये से अधिक होता है, तो ऐसे दान या भेंट को बाजार मूल्य के निर्धारण के लिए विदेश मंत्रालय के तोषखाना में भेजा जाता है. बाजार मूल्य पांच हजार रुपये से कम होने की स्थिति में वह संबंधित व्यक्ति को वापस दे दिया जाता है और पांच हजार से अधिक मूल्य होने पर उसे जमा कर लिया जाता है.

एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले एक साल में विदेश यात्राओं के दौरान 12 लाख 57 हजार रुपये कीमत के 168 उपहार मिले. इन महंगे उपहारों में फाउंटेन पेन, सेलेंगर लिमिटेड एडिशन पट्टिका, मो ब्लॉ की कलाई घड़ी, टी-सेट, चीनी मिट्टी के बर्तन, मंदिर व चैत्य की प्रतिकृतियां, विष्णु-लक्ष्मी व भगवान गणेश की प्रतिमा, पेंटिंग, कालीन, बुलेट ट्रेन का मॉडल, फोटोग्राफ और पुस्तकें आदि शामिल हैं.