6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में ढांचा ढ़ह जाने के बाद ही यह खबर दिल्ली आई: राम नाईक

6 दिसंबर, 1992 को दिल्ली स्थित भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में बैठकर अयोध्या के हालात की पल-पल की खबर लेकर पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी तक पहुंचाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने उस दिन दिल्ली के माहौल को लेकर आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कई जानकारियों को साझा किया.

भारतीय जनता पार्टी (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली , 5 दिसम्बर : 6 दिसंबर, 1992 को दिल्ली स्थित भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में बैठकर अयोध्या के हालात की पल-पल की खबर लेकर पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी तक पहुंचाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने उस दिन दिल्ली के माहौल को लेकर आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कई जानकारियों को साझा किया.

पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश,

सवाल - 6 दिसंबर, 1992 को जब अयोध्या में इतनी बड़ी घटना हो रही थी , उस दिन राजधानी दिल्ली में भाजपा कार्यालय में क्या चल रहा था ?

जवाब- उस समय मैं भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा में चीफ व्हिप था. 6 दिसंबर 1992 को मैं और हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंह भंडारी दिल्ली में पार्टी के कार्यालय में बैठ कर लगातार निगरानी कर रहे थे और अयोध्या के हालात की पल-पल की जानकारी ले रहे थे. आज की तरह उस समय संपर्क के ज्यादा साधन नहीं थे, मोबाइल नहीं थे . इतने सारे टीवी चैनल नहीं थे और सिर्फ लैंडलाइन फोन के जरिए ही हम अयोध्या के हालात की जानकारी जुटा रहे थे. यह भी पढ़ें : UP: सीएम योगी ने अखिलेश और मायावती पर बोला हमला कहा- इन्होंने केवल अपना विकास किया

सवाल - आप और सुंदर सिंह भंडारी , दोनों अयोध्या से जो जानकारी ले रहे थे उसको कहां पहुंचा रहे थे, किनको बता रहे थे ?

जवाब - देखिए, उस समय हमारे दो बड़े नेताओं में से एक आडवाणी जी, अयोध्या में थे और दूसरे अटल बिहारी वाजपेयी जी दिल्ली में थे. भाजपा के सोर्स से हमें अयोध्या को लेकर जो खबरें मिल रही थी, हम उसे वाजपेयी जी तक पहुंचा रहे थे. इन तमाम जानकारियों के आधार पर अगले दिन अटल बिहारी वाजपेयी जी ने यहां प्रेस कांफ्रेंस भी की थी.

सवाल - 6 दिसंबर , 1992 को आप लोगों तक किस तरह की खबरें आ रही थी और दिल्ली में किस तरह का माहौल था ?

जवाब - वहां से तो पहले इसी तरह की खबरें आ रही थी कि कितने कार्यकर्ता और कारसेवक वहां पहुंच रहे हैं. कितने लोगों को कहां-कहां रोक दिया गया है और क्यों रोका गया है. आडवाणी जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपने-अपने भाषण में क्या-क्या बोला है. हमें तो दिल्ली में पता भी नहीं था कि ऐसा कुछ होने वाला है. ढांचा ढ़ह जाने के बाद ही यह खबर दिल्ली तक पहुंची कि ऐसी घटना हो गई है.

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