COVID-19 in Maharashtra: महाराष्ट्र में 2 से 4 सप्ताह में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, टास्क फोर्स ने किया अलर्ट

डेल्टा प्लस वेरिएंट महाराष्ट्र में तीसरी लहर पैदा कर सकता है. यह दोगुनी दर से फैल सकता है. टास्क टीम ने आगाह किया कि अगर COVID-19 दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो महाराष्ट्र दूसरी लहर से बाहर निकलने से पहले तीसरी लहर में प्रवेश कर सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: देश में कोरोना (COVID-19) की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है. कोरोना के दैनिक मामले पहले से बेहद कम हो गए हैं, लेकिन कोरोना का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है. वहीं कोरोना की तीसरी लहर (COVID-19 Third Wave) के खतरे को देखते हुए कई राज्य तैयारियों में जुट गए हैं. इस बीच इस बात को लेकर आशंका जताई गई है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में दो से चार हफ्तों के अंदर कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण, ICMR के नए अध्ययन में खुलासा.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अध्यक्षता में कोरोना की तैयारियों को लेकर बनाई गई टास्क फोर्स के साथ एक बैठक हुई. इस बैठक में स्टेट टास्क फोर्स ने चेतानवी देते हुए कहा कि दो से चार हफ्ते के अंदर राज्य में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. कोविड-19 टीकाकरण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.

बैठक में मौजूद एक अधिकारी के मुताबिक, डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) महाराष्ट्र में तीसरी लहर पैदा कर सकता है. यह दोगुनी दर से फैल सकता है. टास्क टीम ने आगाह किया कि अगर COVID-19 दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो महाराष्ट्र दूसरी लहर से बाहर निकलने से पहले तीसरी लहर में प्रवेश कर सकता है.

विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े पैमाने पर टीकाकरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और कोरोना गाइडलाइंस का सही से पालन किया जाना चाहिए. अधिकारियों ने चेताया है कि अनियंत्रित भीड़ और कोरोना नियमों की अनदेखी जैसे- मास्क ना पहनना और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन ना करना चिंता बढ़ा सकती है.

टास्क फोर्स के एक सदस्य डॉ शशांक जोशी ने कहा, "दूसरी लहर के कम होने के चार सप्ताह के भीतर ब्रिटेन तीसरी लहर का सामना कर रहा है. हमारे सामने भी इस तरह की स्थिति आ सकती है यदि हम सतर्क नहीं रहते और कोविड के नियमों का ठीक से पालन नहीं करते हैं.' टास्क फोर्स के सदस्यों ने कहा कि टीकाकरण की गति को बढ़ाना चाहिए.

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