NEET-PG 2022: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी 2022 परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा- इससे अराजकता पैदा होगी

शीर्ष अदालत का आदेश डॉक्टरों द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट (नीट-पीजी) 2022 परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर आया, जिसमें नीट-पीजी 2021 के लिए चल रही काउंसलिंग के साथ टकराव के मुद्दे का हवाला दिया गया था. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने शीर्ष अदालत में केंद्र का प्रतिनिधित्व किया.

(Photo Credits: File Image)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को 21 मई को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-PG 2022) स्थगित करने की मांग वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि इससे 'अराजकता और अनिश्चितता' पैदा होगी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत (Surya Kant) के साथ ही न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि परीक्षा स्थगित करने से पेशेंट केयर प्रभावित होने के साथ ही परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाले दो लाख से अधिक छात्रों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. NEET PG Exam 2022: नीट की परीक्षा 6-8 हफ्ते के लिए टली? यहां जानें सच

पीठ ने कहा कि महामारी के प्रकोप के बाद देश पटरी पर वापस आ गया है, इसलिए समय सारिणी का पालन किया जाना चाहिए और परीक्षा आयोजित करने में किसी भी देरी के परिणामस्वरूप रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या कम रह जाएगी.

शीर्ष अदालत का आदेश डॉक्टरों द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट (नीट-पीजी) 2022 परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर आया, जिसमें नीट-पीजी 2021 के लिए चल रही काउंसलिंग के साथ टकराव के मुद्दे का हवाला दिया गया था. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने शीर्ष अदालत में केंद्र का प्रतिनिधित्व किया.

परीक्षा स्थगित करने की याचिका को खारिज करते हुए, पीठ ने कहा कि अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह रोगी की देखभाल और डॉक्टरों के करियर को प्रभावित करेगा. इसने जोर देकर कहा कि ये पॉलिसी डोमेन से संबंधित मामले हैं.

पीठ ने कहा कि दो लाख से अधिक डॉक्टरों ने पंजीकरण कराया है और यदि परीक्षा को आगे स्थगित किया जाता है तो इससे काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. केंद्र ने तर्क दिया कि शैक्षणिक सत्र वैसे तो 1 मई से शुरू होने वाला था. हालांकि, यह इस शैक्षणिक वर्ष के लिए 1 सितंबर से शुरू होगा, इसलिए, परीक्षा में और देरी करना छात्रों के सर्वोत्तम शैक्षणिक हित में नहीं है.

Share Now

\