वाराणसी, 5 अगस्त: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शनिवार को दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम शुरू किया जो शाम पांच बजे तक चला. सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने यह जानकारी दी.
मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दूसरे दिन के सर्वेक्षण कार्य में मुस्लिम पक्ष के पांच लोग भी शामिल हुए. अधिवक्ता ने बताया कि एएसआई टीम शनिवार सुबह ज्ञानवापी परिसर पहुंची और दूसरे दिन का सर्वे कार्य शुरू किया, जो शाम पांच बजे समाप्त हो गया. उन्होंने बताया कि बीच में सर्वे का काम एक बजे से तीन बजे के लिए दोपहर भोजन के लिए रोका गया था. Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी में पहले दिन 7 घंटे तक चला ASI सर्वे, पश्चिमी दीवार की हुई फोटोग्राफी
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे की टीम मस्जिद परिसर के केंद्रीय गुंबद के हाल में जहां नमाज पढ़ी जाती है, उसका आज सर्वे किया और उस जगह की फोटोग्राफी और मैपिंग की गयी.
उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे टीम व्यास परिवार के कब्जे वाले तहखाने का सर्वे किया, लेकिन मस्लिम पक्ष के कब्जे वाले दूसरे तहखाने में सर्वेक्षण की टीम अभी पहुंच नहीं पाई है.
उन्होंने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में कुल चार तहखाने हैं, जिसमें से एक व्यास परिवार के कब्जे में है और दूसरा मुस्लिम पक्ष के कब्जे में है. बाकी दो तहखानों में मलबा भरा हुआ है.
मिश्रा शुक्रवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान सर्वेक्षण टीम के साथ थे. हालांकि, शुक्रवार को हुए सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं हुआ था. उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह से शाम पांच बजे तक सर्वे होगा. हिन्दू पक्ष की एक वादी सीता साहू ने परिसर से बाहर आ कर बताया कि ज्ञानवापी परिसर के पश्चिमी दीवार पर आधी पशु और आधी देवता की मूर्ति दिखी. तहखाने में भी टूटी-फूटी मूर्तियां और खम्भे पड़े दिखे.
इस बीच, मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि शनिवार को जारी सर्वे कार्य के दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के पांच लोग एएसआई टीम के साथ मौजूद हैं.
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज ने बताया, ''हम सर्वे के काम से संतुष्ट हैं. कल तक हम सर्वे के काम में शामिल नहीं थे, लेकिन आज हम सर्वे के कार्य में शामिल हैं और हम सर्वे के कार्य में पूरा सहयोग दे रहे हैं.''
इससे पहले, शुक्रवार देर रात अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने एक पत्र जारी कर शीर्ष अदालत के फैसले का सम्मान करने और सर्वेक्षण में सहयोग करने की बात कही थी.
यासीन ने कहा था कि एएसआई सर्वे पर स्थगन आदेश देने से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इनकार से उपजी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय किया है कि शीर्ष अदालत के निर्णय का सम्मान करते हुए एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे में सहयोग दिया जाएगा.
उन्होंने पत्र में कहा था, ''हम आशा करते हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का निष्पक्ष तरीके से पालन किया जाएगा और हमारी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. साथ ही हमारे धार्मिक अधिकार शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले के अनुसार सुरक्षित रहेंगे.''
इस बीच, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के विशेषज्ञों की एक टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सहायता कर रही है.
पीटीआई- से फोन पर बात करते हुए संस्थान के निदेशक अभय करंदीकर ने पुष्टि की कि संस्थान के पृथ्वी विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने में एएसआई की सहायता कर रहे हैं.
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