तेजस्वी यादव का चिराग पासवान पर निशाना, कहा- उन्हें थोड़ा आरक्षण के बारे में पढ़ना चाहिए

राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान को आरक्षण पर दिए बयान को लेकर आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, “चिराग को आरक्षण के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें थोड़ा आरक्षण के बारे में पढ़ लेना चाहिए. उन्होंने खुद ही कहा था कि जो दलित अब संपन्न हो चुके हैं, उन्हें आरक्षण लौटा देना चाहिए.

Tejashwi Yadav | ANI

पटना, 10 मई : राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान को आरक्षण पर दिए बयान को लेकर आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, “चिराग को आरक्षण के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें थोड़ा आरक्षण के बारे में पढ़ लेना चाहिए. उन्होंने खुद ही कहा था कि जो दलित अब संपन्न हो चुके हैं, उन्हें आरक्षण लौटा देना चाहिए.“ चिराग पासवान ने कहा था, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण को मजबूत किया है. उन्होंने आरक्षण को विस्तार दिया है.“ चिराग के इसी बयान पर अब तेजस्वी ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने आगे कहा, “चिराग पासवान स्वाभीमानी नहीं हैं. अगर होते, तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कभी नहीं जाते. प्रधानमंत्री ने उनके साथ कैसा सलूक किया, यह किसी से छुपा नहीं है. पीएम मोदी ने उनकी पार्टी को विभाजित किया. इसके अलावा, उनकी पार्टी का सिंबल छीन लिया, लेकिन पता नहीं क्यों, चिराग आज भी पीएम मोदी के हनुमान बनकर क्या साबित करना चाह रहे हैं.“ यह भी पढ़ें :पुणे की विशेष अदालत ने दाभोलकर हत्याकांड में दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, तीन बरी

तेजस्वी ने आगे कहा, “चिराग पासवान को थोड़ा अपने पिता व स्वर्गीय रामविलास पासवान के पुराने भाषणों को सुन लेना चाहिए कि किस तरह उन्होंने बीजेपी की मुखालफत की थी. उनके पिता ने बीजेपी को एक दंगाई पार्टी तक कहा था और दो टूक कह दिया था कि यह पार्टी आरक्षण को खत्म करना चाहती है. इसके अलावा, चिराग पासवान को थोड़ा आरएसएस के इतिहास के बारे में भी जान लेना चाहिए.“

उन्होंने आगे कहा, “चिराग एक भोले भाले इंसान हैं. उन्हें कोई भी बहला देता है. सच्चाई यह है कि आज की तारीख में मोदी सरकार के नेतृत्व में संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है.“ बता दें, बीते दिनों राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी मुस्लिमों को आरक्षण देने की वकालत की थी, लेकिन इसके बाद जब बीजेपी उनके बयान को लेकर हमलावर हुई, तो उन्होंने बिना देरी किए अपने बयान पर सफाई भी दी.

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