ओडिशा के कोरापुट में बाल विवाह रोकने के लिए कार्यबल का किया गठन

ओडिशा के कोरापुट जिले में बाल विवाह के चलन को रोकने लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है. इस क्षेत्र के आदिवासी समुदायों में बाल विवाह आम बात है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. राज्य में बाल विवाह का औसत 21.3 प्रतिशत और राष्ट्रीय औसत 26.8 प्रतिशत है, जबकि जिले में बाल विवाह की वार्षिक दर 34.7 प्रतिशत है.

बाल विवाह/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Photo)

ओडिशा के कोरापुट जिले में बाल विवाह (Child marriage) के चलन को रोकने लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है. इस क्षेत्र के आदिवासी समुदायों में बाल विवाह आम बात है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. राज्य में बाल विवाह का औसत 21.3 प्रतिशत और राष्ट्रीय औसत 26.8 प्रतिशत है, जबकि जिले में बाल विवाह की वार्षिक दर 34.7 प्रतिशत है.

कोरापुट के जिलाधिकारी मधुसूदन मिश्रा ने कहा कि उच्च बाल मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और कुपोषण की प्रमुख वजह बाल विवाह है. उन्होंने कहा, "पढ़ाई बीच में खत्म हो जाने के कारण बाल विवाह को बढ़ावा मिलता है, इसलिए शिक्षा विभाग स्कूल छोड़ने वालों का ब्योरा तैयार करेगा और उन्हें कोई हुनर सिखाएगा."

यह भी पढ़ें : ओडिशा में टूटा सबसे महंगे चालान का रिकॉर्ड, नियमों की धज्जियां उड़ा रहे ट्रक मालिक पर ठोका 6 लाख 53 हजार का जुर्माना

प्रशासन स्वैच्छिक संगठन सोवा द्वारा चलाए जा रहे सामुदायिक रेडियो सेवा धीमसा की मदद भी लेगा. इस पर आदिवासी भाषा में कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाएगा.

उन्होंने बताया, "सभी बाल विकास संरक्षण अधिकारियों (Child Development Protection Officers) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्रों में इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर बनाए रखें. सीडीपीओ बाल विवाह निषेध अधिकारी की तहत काम करेंगे." आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रशासन ने पिछले दो वर्षों के दौरान कम से कम 24 बाल विवाह को रोका है.

Share Now

\