20 Tumours In Woman Body: प्रकृति से छेड़छाड़ हो सकता है खतरनाक, जानें 'गुआ शा' स्किनकेयर? के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें
विज्ञान विकास का गतिशील चरण है तो विनाश का भी प्रतीक है. सामान्य अथवा सुंदर स्त्री को और ज्यादा सुंदर दिखने की ललक हमेशा से रही है. लेकिन कभी-कभी यह प्रयास सुंदरता पर इतना भारी पड़ता है कि जान बचाना भारी पड़ जाता है.
20 Tumours In Woman Body: विज्ञान विकास का गतिशील चरण है तो विनाश का भी प्रतीक है. सामान्य अथवा सुंदर स्त्री को और ज्यादा सुंदर दिखने की ललक हमेशा से रही है. लेकिन कभी-कभी यह प्रयास सुंदरता पर इतना भारी पड़ता है कि जान बचाना भारी पड़ जाता है. तीन-चार दशक पूर्व शुरू हुई प्लास्टिक सर्जरी एक ऐसी ही शल्य प्रक्रिया थी, जिसने लोगों की जान सांसत में डाला, लेकिन स्किन ट्रीटमेंट का बुखार अभी भी नहीं उतर रहा है. पिछले कुछ दिनों से ऐसी ही एक और चिकित्सा पद्धति 'गुआ शा' चर्चा में है.
यह चर्चा तब मुखर हुई, जब अलमाबा (संयुक्त राज्य अमेरिका) की एक महिला ने स्किन केयर ट्रीटमेंट करने के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि किस तरह शरीर के सूजन को कम करने के लिए जब वह 'गुआ शा' ट्रीटमेंट करवा रही थीं, तो उन्हें शरीर पर एक गांठ के बारे में बताया गया. आइये जानते हैं क्या हुआ था इस ट्रीटमेंट के दरमियान 26 वर्षीया हेलेन बेली अलबामा (अमेरिका) में रहती हैं. उनके अनुसार कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से अपने शरीर से हटवाया था यह भी पढ़े: Lavender Oil Benefits: लैवेंडर ऑयल को क्यों मानते हैं अमृत? जानें कैसे करते हैं ये आपकी सेहत और सौंदर्य की रक्षा?
. उसके बाद हेलेन ने अपने शरीर का सूजन कम करवाने के लिए 'गुआ शा' ट्रीटमेंट करवा रही थीं. उसी दरमियान विशेषज्ञ से उन्हें उनके शरीर में एक गांठ होने की जानकारी मिली. यह गांठ धीरे-धीरे बढ़ने लगी. हेलेना ने चिकित्सक को दिखाया, तो चिकित्सक के खुलासे से वह चौंक उठीं.
उनके शरीर में एक नहीं 20 ट्यूमर विकसित हो चुके थे. महिला को बताया गया कि ये ट्यूमर उसकी पीठ पर एक कैंसर ग्रस्त तिल से पैदा हुआ था, जिससे उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी प्रक्रिया से हटवाया था. लेकिन कुछ समय बाद वह तिल वापस आ गया. चिकित्सक ने हेलेना को बताया कि इसे स्किन कैंसर कहते हैं, जो चौथी स्टेज पर है, और इसमें बचने की मात्र 22 प्रतिशत संभावना है
साइड इफेक्ट:
हेलेन का इलाज शुरु हुआ. इलाज के दरमियान उन्हें तेज बुखार और असहनीय झटके महसूस होने लगे. डॉक्टर्स ने इसे इलाज का साइड इफेक्ट बताया. उनका वजन भी बहुत कम हो गया. त्वचा पर चकत्ते, भूख न लगना जैसे लक्षण भी दिखे . उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि, "समय इलाज नहीं करवातीं तो उनका बचना मुश्किल था. वह चाहती थीं कि लोग इस संदर्भ में सतर्क रहें, और अपनी जिंदगी दांव पर ना लगाएं