पोलाची सेक्स स्कैंडल: राष्ट्रीय महिला आयोग ने तत्काल कार्रवाई की मांग की, पीड़ित लड़कियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

तमिलनाडु के पोलाची सेक्स स्कैंडल ने देश को हिलाकर रख दिया है. इस हाईप्रोफाइल मामलें में हर रोज चौकानेवाले खुलासे हो रहे है. उधर दबाव बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने इस केस को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौप दिया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

चेन्नई: तमिलनाडु के पोलाची सेक्स स्कैंडल ने देश को हिलाकर रख दिया है. इस हाईप्रोफाइल मामलें में हर रोज चौकानेवाले खुलासे हो रहे है. उधर दबाव बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने इस केस को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौप दिया है. ताजा जानकारी के मुताबिक महिला आयोग ने तत्काल कार्रवाई और महिला सुरक्षा को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है.

राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा बुधवार को पुलिस मुखिया टीके राजेंद्रन के नाम लिखे पत्र में मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, यह अनुरोध किया है कि सभी आरोपियों के खिलाफ कानून के प्रासंगिक प्रावधान के अनुसार उचित कार्रवाई की जाए. साथ ही केस से जुड़ी विस्तृत कार्रवाई की एक रिपोर्ट आयोग को भेजने के लिए कहा है.

इस बीच, तमिलनाडु राज्य महिला आयोग ने अन्य पीड़िताओं को अपने साथ हुई दरिंदगी की शिकायत करने के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए है. जो इस प्रकार है- 044-28551155 और 044-2859 2750. आयोग के मुताबिक इसके जरिए उन महिलाओं को मदद मिलेगी जो इनके जाल में फसकर शिकार हुई है. साथ ही आयोग ने कहा है की सभी पीड़िताओं की पहचान गुप्त रखी जाएगी.

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राज्य पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया है और केंद्र को औपचारिक अनुरोध भेजने की प्रशासनिक प्रक्रिया चल रही है. इससे पहले पुलिस ने कोयम्बटूर जिला कलेक्टर राजामणि के आदेश के बाद गुंडा कानून के तहत चार आरोपियों को हिरासत में लिया है. चार आरोपियों तिरूनावक्कारासु, सतीश, सबरीराज और वसंतकुमार के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और तमिलनाडु राज्य महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और वे पहले से ही जेल में है.

पुलिस के अनुसार गत 12 फरवरी को कोयम्बटूर जिले में पोलाची के निकट एक कार के अंदर चार लोगों ने युवती का कथित रूप से उत्पीड़न करने का प्रयास किया और इस कृत्य का एक वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल किया. पीड़िता ने 24 फरवरी को पुलिस के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी. उधर, विपक्ष ने राज्य सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है.

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