Electoral Bonds Judgment: गुमनामी वाले राजनीतिक चंदे पर लगेगी लगाम? निर्वाचन बांड योजना पर SC कल सुनाएगा फैसला

15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन बांड योजना को लेकर लंबित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा. यह योजना राजनीतिक दलों को गुमनाम दान करने की अनुमति देती है, जिस पर कई सवाल उठे हैं.

नई दिल्ली: कल यानी गुरुवार, 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन बांड योजना को लेकर लंबित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा. यह योजना राजनीतिक दलों को गुमनाम दान करने की अनुमति देती है, जिस पर कई सवाल उठे हैं.

याचिकाकर्ताओं की दलीलें: कई याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि निर्वाचन बांड योजना से काले धन का प्रवाह बढ़ता है और राजनीति में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. उनका कहना है कि गुमनाम दान से पारदर्शिता कमजोर होती है और मतदाताओं को यह जानने का अधिकार है कि उनके नेताओं को कौन फंड करता है.

सरकार का पक्ष: सरकार ने इस योजना का बचाव करते हुए कहा है कि यह पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और दानदाताओं की गोपनीयता का संरक्षण करती है. उनका तर्क है कि खुले तौर पर दान देने पर विपक्षी दलों द्वारा दानदाताओं को निशाना बनाया जा सकता है.

फैसले के संभावित प्रभाव: सुप्रीम कोर्ट का फैसला निर्वाचन वित्तपोषण में पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. यदि अदालत योजना को खारिज कर देती है, तो राजनीतिक दलों को फंडिंग का तरीका बदलना होगा. इससे चुनाव प्रचार में खर्च कम हो सकता है और राजनीति में काले धन के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है.

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