CBSE Class 10, 12 Exams: कक्षा 10, 12वीं की ऑफलाइन परीक्षा के खिलाफ याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credit : Twitter)

नई दिल्ली, 22 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें सभी राज्य बोडरें, सीबीएसई, आईसीएसई और एनआईओएस द्वारा आयोजित की जाने वाली कक्षा 10 और 12 की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की गई है. याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, जो पिछले साल परीक्षाओं के लिए सीबीएसई के 30:30:40 वैकल्पिक मूल्यांकन मानदंडों के आधार पर परीक्षाओं के संचालन की देखरेख कर रहे थे.

अधिवक्ता प्रशांत पद्मनाभन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई, आईसीएसई, एनआईओएस और राज्य बोर्ड में पढ़ने वाले कई छात्रों ने याचिकाकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय से उन मुद्दों के लिए संपर्क किया, जो वे बोर्ड परीक्षा के संबंध में सामना कर रहे हैं और इस जनहित याचिका के परिणाम से सीधे प्रभावित हैं. याचिका के अनुसार, "अन्य याचिकाकर्ता छात्रों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के माता-पिता भी हैं, जो बोर्ड के फैसले से व्यथित थे. इस परीक्षा में प्रदर्शन के लिए जो मानसिक दबाव बनाया जाता है, वह इतना अधिक है कि हर साल कई छात्र डर के मारे आत्महत्या कर लेते हैं." यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी में साक्षात ईश्वरीय गुण: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस

पद्मनाभन ने मंगलवार को न्यायमूर्ति खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया. पीठ ने निर्देश दिया कि याचिका की एक अग्रिम प्रति सीबीएसई को दी जाए. याचिका में कहा गया है, "कोविड -19 वायरस से संक्रमित होने के अतिरिक्त डर के साथ छात्रों को परीक्षा में शामिल होना और उनका सामना करना न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह बिल्कुल अमानवीय होगा." याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि उनका दावा वास्तविक है और संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत शिक्षा के उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है.

याचिका में शीर्ष अदालत से सीबीएसई, आईसीएसई, एनआईओएस और राज्य बोडरें के कक्षा 10, 11 और 12 के छात्रों के मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके के बारे में ऑफलाइन परीक्षा के बजाय संबंधित अधिकारियों को एक अधिसूचना पारित करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया था. याचिका में दूसरा याचिकाकर्ता छात्र संघ ओडिशा है. याचिका में देश के विभिन्न हिस्सों के उन छात्रों की सूची भी शामिल है, जिन्होंने बोर्ड परीक्षा के मुद्दों के संबंध में सहाय से संपर्क किया था.