Kanwar Yatra की अनुमति देने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और यूपी सरकार को भेजा नोटिस, 16 जुलाई को होगी सुनवाई

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार के कोरोना वायरस के बीच कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को अनुमति देने के फैसले का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है. जस्टिस आरएफ नरीमन (RF Nariman) की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट इस मामले में 16 जुलाई को सुनवाई करेगा.

कांवड़ यात्रा (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार के कोरोना वायरस के बीच कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को अनुमति देने के फैसले का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है. जस्टिस आरएफ नरीमन (RF Nariman) की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट इस मामले में 16 जुलाई को सुनवाई करेगा. कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से 6 अगस्त तक आयोजित करने का प्रस्ताव है. कोविड-19 महामारी के चलते उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच राज्य में कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का बुधवार को संज्ञान लिया. जस्टिस नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने राज्य सरकार को एक नोटिस जारी किया और मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का खतरा जताए जाने के बावजूद 25 जुलाई से यात्रा की मंगलवार को अनुमति दे दी. इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने वैश्विक महामारी के मद्देनजर कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन के माह में होने वाली कांवड़ यात्रा को सुचारु रूप से पूरा करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. बीते हफ्ते सीएम योगी ने अधिकारियों को प्रदेश में कांवड़ यात्रा को सफल बनाने का निर्देश दिया. इस बाबत मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड व बिहार से बात कर संवाद स्थापित कर कांवड़ यात्रा को पूरा किया जाए. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह पालन किया जाए.

उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि 25 जुलाई से शिवभक्तों की परंपरागत कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो रही है. श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या उत्तराखंड और बिहार आदि राज्यों में जलाभिषेक के लिए जाती है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछली बार 2019 में कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया था, तब लगभग 3.5 करोड़ भक्त (कांवरियां) हरिद्वार (Haridwar) पहुंचे थे. जबकि 2-3 करोड़ से अधिक कांवरियां ने पश्चिमी यूपी के तीर्थ स्थलों का दौरा किया था. ज्ञात हो कि बीते वर्ष कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया था.

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