सॉवरेन गोल्ड बांड 2020-21 की ब्रिकी शुरू, निवेश करने से पहले जान लें ये 10 अहम बातें
सोना (Photo Credits: Pixabay)

Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21 : सॉवरेन गोल्ड बांड की नई सीरीज वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आज (20 अप्रैल) से शुरू हो चुकी है. अगर आप निवेश करने की सोच रहे है तो यह एक बेहतरीन मौका है. क्योकि सॉवरेन गोल्ड बांड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाता है. ऐसे में निवेशकों के पैसे डूबने का जोखिम नहीं होता है. बांडों की खरीदी अनुसूचित बैंकों (लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जा सकती है. सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम सरकार ने 2015 में शुरू की थी.

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बांड जारी करने का निर्णय लिया. सॉवरेन गोल्ड बांड अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक जारी किए जाएंगे, जो निम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे:

क्रम संख्या सीरीज खरीदने के लिए आवेदन की अवधि बांड जारी करने की तिथि
1. 2020-21 सीरीज I 20-24 अप्रैल 2020 28 अप्रैल 2020
2. 2020-21 सीरीज II 11-15 मई 2020 19 मई 2020
3. 2020-21 सीरीज III 08-12 जून 2020 16 जून 2020
4. 2020-21 सीरीज IV 06-10 जुलाई 2020 14 जुलाई 2020
5. 2020-21 सीरीज V  03-07, अगस्त 2020 11 अगस्त 2020
6. 2020-21 सीरीज VI 31अगस्त- 04 सितंबर 2020 08 सितंबर 2020

ये है पात्रता-

बांडों की बिक्री विभिन्‍न व्‍यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों जैसे निवासी निकायों तक ही सीमित रहेगी.

निवेश की सीमा-

इस बांड में निवेश एक ग्राम के गुणकों में किया जाता है. खरीदने की अधिकतम सीमा प्रति वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च तक) एक व्यक्ति के लिए एक साल में 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम होगी ग्राम है. जबकि संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी.

बांड की अवधि-

आरबीआई द्वारा जारी नियम के मुताबिक बांड की अवधि 8 साल होगी. जबकि पांचवें, छठे एवं सातवें साल में इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है.

सॉवरेन गोल्ड बांड की कीमत-

बांड का मूल्‍य भारतीय रुपये में तय किया गया है. पूर्व सप्ताह (9-11 जनवरी) के अंतिम तीन दिनों के कारोबार के दौरान 999 शुद्धता के सोने की अंतिम कीमतों (क्लोजिंग प्राइस) के औसत के आधार पर बांड का मूल्य तय किया जाता है. इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा.

ऐसे करें निवेश-

बांड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए की जा सकेगी. स्‍वर्ण बांड का निर्गम मूल्‍य (Issue Price) उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करेंगे.

बांड जारी करने का तरीका-

स्‍वर्ण बांडों को जीएस अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्‍टॉक के रूप में जारी किया जाएगा. निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा. बांडों को डिमैट स्‍वरूप में बदला जा सकेगा. बांडों को बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों (जिन्‍हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉ‍क एक्सचेंज लिमिटेड के जरिए या तो सीधे अथवा एजेंटों के जरिए खरीदा जा सकता है.

कितना मिलेगा ब्‍याज-

निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगा, जो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा.

केवाईसी नियम-

‘अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं. केवाईसी दस्‍तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी. प्रत्‍येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों को जारी स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) की प्रति भी अवश्‍य संलग्‍न की जानी चाहिए.

यह भी होगा फायदा-

बांडों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है. ऋण-मूल्‍य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्‍वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा.

टैक्स नियम-

आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, स्‍वर्ण बांड पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा. किसी भी व्‍यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है. बांड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे.

उल्लेखनीय है कि सॉवरेन गोल्ड बांड के वितरण पर कमीशन प्राप्‍तकर्ता कार्यालयों को हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के अभिदान (Subscription) पर 1 रुपये की दर से दिया जाएगा और प्राप्‍तकर्ता कार्यालय इस तरह से हासिल होने वाले प्रति 100 रुपये के कमीशन पर कम से कम 50 पैसे को उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे. जबकि बांड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर बांडों की ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्‍सचेंजो पर होगी.