Sonia Gandhi Birthday: तार-तार होती कांग्रेस को इस तरह नया जीवन दिया सोनिया गांधी ने! जानें इस सशक्त शख्सियत के बारे में कुछ रोचक तथ्य!

सोनिया गांधी का मूल नाम अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो है, जन्म 9 दिसंबर 1946 को लुसियाना शहर (इटली) से 30 किमी दूर एक छोटे से गांव में हुआ था. इनके पिता स्तेफेनो मैनो, ओर्बस्सानो में ही एक छोटे से व्यवसायी थे.

Sonia Gandhi (Photo: PTI)

Sonia Gandhi Birthday: सोनिया गांधी का मूल नाम अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मैनो है, जन्म 9 दिसंबर 1946 को लुसियाना शहर (इटली) से 30 किमी दूर एक छोटे से गांव में हुआ था. इनके पिता स्तेफेनो मैनो, ओर्बस्सानो में ही एक छोटे से व्यवसायी थे. इनका पालन पोषण एक पारंपरिक रोमन कैथोलिक परिवार में हुआ था, तथा उनकी पढ़ाई कैम्ब्रिज (इंग्लैंड) में हुई. उसी दरम्यान इनकी मुलाकात तत्कालीनी प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी से हुई, जो यहां मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. बचपन में राहुल ने मां सोनिया गांधी से पूछा था कि क्या वह दिखने में सुंदर हैं, उनका जवाब था: नहीं, ठीकठाक हो.

साल 1968 में राजीव गांधी और सोनिया की शादी हो गई. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात राजीव गांधी को प्रधानमंत्री के लिए नामांकित किया गया. हालांकि सोनिया ने पति राजीव गांधी के लिए चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया, लेकिन उन्होंने कभी सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं लिया. साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई.

इसके बाद सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया. कांग्रेस पार्टी ने पी वी नरसिम्हा राव को चुना, जो पहले नेता और बाद में प्रधानमंत्री बने. कुछ सालों के बाद साल 1996 में कांग्रेस चुनाव हार गई. कुछ सीनियर अध्यक्ष जैसे माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट, नारायण दत्त तिवारी, अर्जुन सिंह, ममता बनर्जी, जी के मूपनार, पी. चिदंबरम् और जयंती नटराजन के अलावा और भी कई वरिष्ठ नेताओं ने निवर्तमान राष्ट्रपति सीताराम केसरी के खिलाफ खुला विद्रोह किया, और इनमें से कुछ ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस कई भागों में बंट गया.

यूं बनीं सोनिया पार्टी की तारणहार

खंडों में विभाजित होती कांग्रेस को जोड़ने के लिए, सोनिया 1997 में कलकत्ता पूर्ण सत्र में एक प्राथमिक सदस्य के रूप में कांग्रेस से जुड़ीं. 1998 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपना नेता चुन लिया. मई सन 1999 में पार्टी के तीन सीनियर नेताओं शरद पवार, पी.ए. संगमा और तारिक अनवर ने प्रधानमंत्री बनने के लिए सोनिया गांधी को चुनौती दी. तब सोनिया ने पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देने की पेशकश की. तब शेष लोगों ने उन्हें पूरा सहयोग दिया और उन नेताओं को बाहर कर दिया.

125 साल की कांग्रेस की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष बनने का कीर्तिमान

इसके बाद सोनिया ने साल 2004 के बाद से लोकसभा में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. सितम्बर 2010 में, चौथी बार वे कांग्रेस पार्टी के 125 साल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक वर्किंग अध्यक्ष बनी रहीं. सोनिया गाँधी का विदेशी मूल का होना लंबे समय तक विवाद और बहस का मुद्दा बना रहा है. सोनिया गांधी पर इटली उनके एक कथित दोस्त कहे जा रहे एक व्यापारी पर बोफोर्स कांड में बिचौलिया होने का आरोप भी लगा था. लेकिन इन सबके बावजूद वे कांग्रेस अध्यक्ष पद पर निरंतर बनी रहीं.

2017 में सेवानिवृत्त

साल 2017 में सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुईं. उनकी जगह उनके बेटे राहुल गांधी ने ली, हालांकि उन्हें 2019 में अंतरिम अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, जब राहुल ने उस वर्ष पार्टी के खराब चुनाव प्रदर्शन के बाद पद छोड़ दिया था. 2022 में मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष चुना गया.

सोनिया गांधी की उपलब्धियां!

Share Now

\