ममता बनर्जी के करीबी IPS राजीव कुमार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से हटाई रोक

शारदा चिट फंड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के IPS राजीव कुमार को बड़ा झटका दिया है. SC ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सीबीआई कानून के हिसाब से काम करे. राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले में कथित तौर पर सबूतों को मिटाने का आरोप है.

ममता बनर्जी और IPS राजीव कुमार (Photo Credit- PTI)

शारदा चिट फंड (Saradha Chit Fund) मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC) ने ममता बनर्जी के करीबी  कोलकाता के IPS राजीव कुमार (Rajeev Kumar) को बड़ा झटका दिया है. SC ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सीबीआई कानून के हिसाब से काम करे. राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले में कथित तौर पर सबूतों को मिटाने का आरोप है. अदालत ने कुमार को कानूनी सलाह लेने के लिए सात दिनों का समय दिया है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को सीबीआई को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ पर पहले दी गई छूट को हटाने के लिए संतोषजनक सबूत पेश करने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ें- बंगाल में गहराया मूर्ति विवाद: जांच के लिए बनी SIT, बीजेपी-TMC के बीच घमासान

अदालत ने इसके साथ ही सीबीआई से राजीव कुमार की संलिप्तता खासकर लैपटॉप के डेटा, मोबाइल फोन या डायरियों से सीधे सबूत पेश करने के निर्देश दिए, जिसमें कथित रूप से सबूतों को नष्ट करने के लिए प्रभावशाली लोगों को भुगतान की जानकारी है.

बता दें कि कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से इससे पहले करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाले में सीबीआई पूछताछ कर चुका है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कि सीबीआई को पहले अदालत में यह साबित करना होगा कि इस मामले में सबूतों को मिटाने या गायब करने में कुमार की कोई भूमिका है.

ममता बनर्जी ने दिया था धरना 

कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार वही अधिकारी हैं, जिन्हें लेकर हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं. राजीव कुमार के घर पर सीबीआई ने छापा मारा था. इसके खिलाफ ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया था और धरने पर बैठ गई थीं. इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.

क्या है शारदा चिट फंड घोटाला? 

पश्चिम बंगाल का चर्चित चिटफंड घोटाला 2013 में सामने आया था. कथित तौर पर तीन हजार करोड के इस घोटाले का खुलासा अप्रैल 2013 में हुआ था. आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया. इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे. शारदा समूह द्वारा 10 लाख से अधिक निवेशकों को ठगने का अनुमान है. इस घोटाले से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है.

अप्रैल में बालासोर और ओडिशा में सैकड़ों निवेशकों ने समूह पर आरोप लगाया था कि उच्च लाभ का वादा कर उनसे पैसा लिया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया. इसके बाद ओडिशा में इस मामले की जांच शुरू हुई थी. ईडी अब तक शारदा की छह संपत्तियों की कुर्की कर चुका है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये है. एक्टर से राजनीतिज्ञ बने तृणमूल कांग्रेस के सांसद मिथुन चक्रवर्ती ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर सारदा कंपनी से लिए गए 1.20 करोड़ रुपये पहले ही ईडी को सौंप चुके हैं.

Share Now

\