नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) अब विभिन्न पदों के लिए मुख्य परीक्षा आयोजित कर सकता है क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उत्तर-पत्रों के पुनर्मूल्यांकन के निर्देश को चुनौती देने वाली अपील स्वीकार कर ली है. उच्च न्यायालय ने सवालों के सही जवाब के आधार पर उम्मीदवारों के उत्तर पत्रों के पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया था.
सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को अपने आदेश में उच्च न्यायालय के पुनर्मूल्यांकन के आदेश को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने यूपीपीएससी की याचिका स्वीकार कर ली.
प्रारंभिक परीक्षा 2017 में हुई थी और मुख्य परीक्षा 18 जून को होगी. इससे पहले 18 मई को मुख्य परीक्षाएं आयोजित की गई थी लेकिन उत्तर-पत्रों के पुनर्मूल्यांकन के उच्च न्यायालय के आदेश की वजह से परीक्षा 18 जून के लिए फिर से निर्धारित की गई थी.