Nawab Malik vs Sameer Wankhede: नवाब मलिक का बड़ा खुलासा, समीर वानखेड़े ने मुझे 'गंभीर परिणाम' भुगतने की चेतावनी दी थी

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेड़े ने कई महीने पहले उन्हें 'गंभीर परिणाम' भुगतने की धमकी दी थी.

नवाब मलिक व समीर वानखड़े (Photo Credits PTI and Twitter

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) ने कई महीने पहले उन्हें 'गंभीर परिणाम' भुगतने की धमकी दी थी. मलिक ने कहा कि यह घटना तब की है, जब उन्हें एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक के कथित रूप से नकली जाति प्रमाणपत्र के बारे में पता चला. मुंबई के कुछ पत्रकारों ने संदेश दिया कि 'वानखेड़े आपसे बहुत परेशान हैं. इस सबके गंभीर परिणाम हो सकते हैं." यह भी पढ़े: नवाब मलिक पर समीर वानखेड़े के पिता और पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप, कही ये बात

मलिक ने मीडियाकर्मियों से कहा, "इस घटना के बाद उन्होंने मेरे दामाद को ड्रग्स के फर्जी मामले में गिरफ्तार किया और उन्हें आठ महीने से अधिक समय तक जेल में रखा. इरादा यह था कि अगर मैंने उसके जाली जाति के कागजात का मामला उठाया, तो कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेगा और इसे प्रतिशोध के रूप में लेगा."राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता ने कहा हालांकि कि उन्होंने वानखेड़े के दूतों को स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सभी गलतियों का खुलासा करेंगे और इसे लोगों के सामने रखेंगे.

उन्होंने कहा, "आर्यन खान की हालिया कार्रवाई और गिरफ्तारी के दौरान उनके पिता शाहरुख खान को बताया गया था कि चूंकि मैं (मलिक) इस मामले को आगे बढ़ा रहा हूं, इसलिए उनकी (आर्यन की) रिहाई में देरी हो रही है.अधिकारियों और परिचितों ने सुपरस्टार के खिलाफ अप्रत्यक्ष दबाव बनाने की कोशिश की. "मलिक ने कहा कि इसके अलावा, एक वकील के बेटे सहित अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से भी उन पर ब्रेनवॉश करने और दबाव बनाने का प्रयास किया गया, जिन्होंने उनसे वानखेड़े मामले को छोड़ने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा, "कई अधिकारियों और अन्य जाने-माने लोगों ने मुझे आगाह किया कि नशीले पदार्थो का कारोबार बहुत बड़ा है और इसमें बहुत बड़ा दांव है और इसके लिए मेरी जान भी जा सकती है.मैंने कहा कि जब मुझे मरना होगा मैं मर जाऊंगा, लेकिन सच्चाई को उजागर करने से नहीं चूकूंगा."उन्होंने कहा कि वानखेड़े ने पहले केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले और अन्य दलित नेताओं से मुलाकात की थी, क्योंकि वह फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले से 'काफी परेशान' थे.

रविवार को वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव और पत्नी क्रांति ने आठवले से मुलाकात की और मलिक के धर्मातरण वाले आरोपों को प्रतिशोध के परिणाम बताकर खारिज कर दिया, जबकि मंत्री ने वानखेड़े परिवार को मदद का भरोसा दिया.ज्ञानदेव वानखेड़े ने कहा, "मलिक कहते हैं कि हमने एक दलित को उसके अधिकारों से वंचित कर दिया.. हम भी दलित हैं.अगर आपको कुछ कहना है, तो अदालत में जाएं. मेरे बेटे या मैंने कभी धर्मातरण नहीं किया."

मलिक ने आरोप लगाया था कि प्रक्रिया 2015 से शुरू हुई और दाऊद ज्ञानदेव बन गया, यास्मीन जैस्मीन बन गई और उसने अपने मुस्लिम पति को तलाक दे दिया, जो यूरोप में नहीं बसा है. साथ ही समीर वानखेड़े और उनकी बहन जैस्मीन ने धर्मातरण नहीं किया, क्योंकि वे मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे, क्योंकि उनके पिता ने धर्मातरण किया था. उन्होंने कहा, "मैंने बार-बार कहा है कि यह जाति-धर्म के बारे में नहीं है, बल्कि एक नकली अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र संबंधी है, जिसके आधार पर समीर वानखेड़े ने एक योग्य दलित लड़के या लड़की की नौकरी छीन ली है. मैं उनके लिए अंत तक लडूंगा. "

उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष अरुण हालदार पर निशाना साधा, जिन्होंने कहा था कि समीर वानखेड़े ने धर्मांतरण नहीं किया था. उन्होंने कहा, "हालादर भाजपा के नेता हो सकते हैं, लेकिन उन्हें एक संवैधानिक पद पर नियुक्त किया गया है और उन्हें इसकी गरिमा को बनाए रखना चाहिए. उन्हें पहले मामले की जांच करनी चाहिए और मीडिया को टिप्पणी देने के बजाय अपनी रिपोर्ट संसद को देनी चाहिए."

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