
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद परिसर की सफाई कराने का आदेश दिया है, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मस्जिद की पुताई (Whitewashing) को लेकर अपनी असहमति जताई है. इस फैसले से मस्जिद कमेटी असंतुष्ट है और उन्होंने आपत्ति दर्ज कराने की योजना बनाई है.
हाई कोर्ट ने फिलहाल शाही जामा मस्जिद की सफाई की इजाजत दी है, लेकिन पुताई पर कोई फैसला ASI की रिपोर्ट के बाद ही होगा. इस बीच, प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है और सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. संभल के लोग शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं, ताकि आने वाले रमज़ान का पर्व सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाया जा सके.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल जामा मस्जिद कमेटी ने ASI से मस्जिद की पुताई की अनुमति मांगी थी, जिसे ASI ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जब मामला अदालत में विचाराधीन (sub judice) है, तब पुताई की अनुमति नहीं दी जा सकती. इसके बाद मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट का रुख किया.
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक तीन-सदस्यीय कमेटी गठित की, जिसमें शामिल हैं ASI अधिकारी, वैज्ञानिक विशेषज्ञ, स्थानीय प्रशासन का प्रतिनिधि. अदालत ने स्पष्ट किया कि मस्जिद की सफाई की जा सकती है, लेकिन पुताई के बारे में कोई भी निर्णय ASI की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा.
शहर में बढ़ाई गई सुरक्षा
संभल के पुलिस अधीक्षक के के बिश्नोई ने बताया कि शहर में शांति व्यवस्था बनी हुई है और पुलिस हाईकोर्ट के आदेश को पूरी तरह लागू करेगी. शुक्रवार की नमाज से पहले सुरक्षा के मद्देनजर PAC बल, पुलिसकर्मी, CCTV और ड्रोन निगरानी जैसी कड़ी व्यवस्था की गई है.
संभल के अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने कहा कि विवादित स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
समाजवादी पार्टी ने उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी (SP) के प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि मस्जिदों की साफ-सफाई और पुताई रमज़ान से पहले एक परंपरा रही है, जैसे दिवाली पर घरों की सफाई और रंगाई-पुताई होती है. उन्होंने ASI पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संभल की एकता को कोई नहीं तोड़ सकता.
संभल हिंसा की जांच में नई चार्जशीट
गौरतलब है कि नवंबर 2024 में जब ASI ने मुगलकालीन मस्जिद की जांच शुरू की थी, तब संभल में हिंसा भड़क गई थी. इस संबंध में यूपी पुलिस की SIT ने छह मामलों में 4000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है.