दिल्ली हिंसा: जामिया मिलिया इस्लामिया स्टूडेंट सफूरा जरगर को फिर नहीं मिली जमानत
CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन/ प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो क्रेडिट- IANS)

जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) की छात्रा सफूरा जरगर (Safoora Zargar) को एक बार फिर से जमानत नहीं मिला. दिल्ली की एक अदालत ने सफुरा जर्गर को जमानत देने से इनकार कर दिया. सफुरा जर्गर गर्भवती हैं. सफूरा जरगर को नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार को 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. फरवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में दोनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 200 लोग घायल हो गए थे. सफूरा जरगर फिलहाल तिहाड़ जेल में है.

पिछले महीने दिल्ली की एक अदालत ने जामिया मिलिया इस्लामिया के दो छात्रों सफूरा जरगर और मीरान हैदर की न्यायिक हिरासत एक महीने के लिए बढ़ा दिया था. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष उनकी रिमांड अवधि के अंत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था और अदालत ने रिमांड को 25 जून तक बढ़ा दिया गया था.

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गौरतलब हो कि दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर ने भीड़ को उकसाने के लिए कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया था. जिसके कारण संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) के विरोध में फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. बता दें कि मेडिकल कंडीशन के चलते सफूरा जरगर की जमानत देने की लगातार मांग उठ रही है.