![Love Jihad पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत शादी के लिए दूसरे धर्म अपनाने वाले गलत, हिंदू अपने बच्चों को धर्म-परंपराओं का आदर करना सिखाएं Love Jihad पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत शादी के लिए दूसरे धर्म अपनाने वाले गलत, हिंदू अपने बच्चों को धर्म-परंपराओं का आदर करना सिखाएं](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2018/09/Mohan-Bhagwat-784x441-380x214.jpg)
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने धर्मांतरण (Love Jihad) पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. आरएसएएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat on Love Jihad) ने कहा है कि, हिन्दू अपने बच्चों को धर्म का आदर करना सिखाएं. जिसके कि वो धर्म बदलकर दूसरे धर्मों में ना जाएं. नई दिल्ली: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे के अवसर पर दिया कड़ा संदेश, कहा- भारत की प्रतिक्रिया से सहम गया चीन, गलतफहमी हो गई दूर
उन्होंने कहा, समाज शैली में बदलाव लाने पर भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है. उत्तराखंड में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने हिन्दू धर्म, परिवार, संस्कार और धर्मांतरण को लेकर कई बातें कही.
How does conversion happen? How do our girls & boys convert to other religions? For small selfish reasons, for marriage. It’s another matter that those doing it are wrong. We don't prepare our children. We need to instill pride in ourself & our religion in them: RSS chief (10.10) pic.twitter.com/2aweGak2fv
— ANI (@ANI) October 11, 2021
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, शादी के लिए दूसरे धर्म अपनाने वाले हिंदू गलत कर रहे हैं. यह छोटे स्वार्थ के लिए हो रहा है, क्योंकि हिंदू परिवार अपने बच्चों को अपने धर्म और परंपराओं का आदर करना नहीं सीखा रहे हैं. उन्होंने कहा, कैसे धर्मातंरण होता है? अपने घर की लड़कियां दूसरे मतों में कैसे चली जाती है? छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण. विवाह करने के लिए. मतांतरण करने वाले गलत हैं, लेकिन क्या हमारे बच्चे, हम ही तैयार नहीं करते”?
उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक गोष्ठी के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हमको इसका संस्कार घर में देना पड़ेगा. उन्होने कहा, बच्चों को अपने धर्म के प्रति गौरव, पूजा के प्रति आधार सीखाना होगा. उसके लिए प्रश्न आएंगे तो उत्तर देना है. कन्फ्यूज नहीं होना है.
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना है, लेकिन जब हम आरएसएस के कार्यक्रम आयोजित करते हैं, तो हमें केवल पुरुष ही दिखाई देते हैं. अब अगर हम पूरे समाज को संगठित करना चाहते हैं तो इसमें 50 फीसदी महिलाएं भी होनी चाहिए.
मोहन भागवत ने कहा कि भारतीयों ने हमेशा अपनी संपत्तियों को दूसरों के साथ साझा किया है. उन्होंने कहा कि मुगलों के आने तक भारत के पास बहुत संपत्ति थी. उन्होंने कहा- पहली शताब्दी से 17वीं शताब्दी तक – देश में मुगल लूट शुरू होने से पहले – भारत आर्थिक रूप से दुनिया का सबसे समृद्ध देश था. इसलिए इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था.
अपने संबोधन में मोहन भागवत ने अभिभावकों को सोशल मीडिया और ऑनलाइन ओटीटी प्लेटफॉर्म से भी सावधान रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा, माता-पिता को ओटीटी प्लेटफॉर्म से भी सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ओटीटी प्लेटफॉर्म हर तरह की चीजें दिखाता है. मीडिया में जो आता है वह यह नहीं बताता कि बच्चों के लिए और हमारी मूल प्रणाली के लिए क्या अच्छा होगा. हमें अपने बच्चों को सिखाना होगा कि घर पर क्या देखना है और क्या नहीं.