अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए आरबीआई और सरकारी बैंकों के प्रमुख आज करेंगे मंथन, बड़े फैसले की उम्मीद
भारतीय अर्थव्यवस्था को मंदी की चपेट से बाहर निकालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को सरकारी बैंकों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. इस दौरान देश की सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विभिन्न आर्थिक मसलों पर चर्चा की जाएगी.
मुंबई: भारतीय अर्थव्यवस्था (Economy) को मंदी की चपेट से बाहर निकालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को सरकारी बैंकों (PSU Banks) के प्रमुखों की बैठक बुलाई है. इस दौरान देश की सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विभिन्न आर्थिक मसलों पर चर्चा की जाएगी.
लगातार सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंतित रिजर्व बैंक ने यह बैठक सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से सार्वजनिक बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की मुलाकात के एक दिन बाद बुलाई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में फंसे हुए कर्ज यानि एनपीए निपटारा, एमएसएमई (MSME) कर्ज के पुनर्गठन और रियल्टी क्षेत्र में तनाव पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सार्वजनिक बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान संकटग्रस्त गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र (एनबीएफसी) तथा लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिये कर्ज उपलब्धता की समीक्षा किये जाने का अनुमान है.
देश की शीर्चाष बैंक आरबीआई ने चार अक्टूबर को लगातार पांचवीं बार मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. इस कटौती के बाद रेपो दर पिछले करीब एक दशक के निचले स्तर 5.15 प्रतिशत तक पहुंच गई. आरबीआई के इस कदम से घर, गाड़ी सहित सभी प्रकार के कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है. आरबीआई इस साल फरवरी के बाद से ब्याज दर में 1.1 प्रतिशत की कटौती की है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)