गणतंत्र दिवस की परेड में नहीं दिखेगी पश्चिम बंगाल की झांकी, ये राज्य भी हुए परेड से बाहर
इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी नहीं दिखाई देगी. गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के राजपथ पर परेड में हिस्सा लेने के लिए 16 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों और छह मंत्रालयों व विभागों के प्रस्तावों को चुना गया है.
नई दिल्ली: इस साल गणतंत्र दिवस (Republic Day 2020) की परेड में पश्चिम बंगाल (West Bengal) की झांकी (Tableau) नहीं दिखाई देगी. गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के राजपथ पर परेड में हिस्सा लेने के लिए 16 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों और छह मंत्रालयों व विभागों के प्रस्तावों को चुना गया है. जिसमें पश्चिम बंगाल द्वारा बनाई गई झांकी शामिल नहीं है.
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक कुल राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे. एक्सपर्ट कमिटी ने पांच बार मीटिंग के बाद राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुना. साल 2020 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया निमंत्रण
बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया. टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, “बंगाल को बाहर करना घोर भेदभाव होगा. बंगाल एक समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और इसका बहिष्कार मोदी-शाह की जोड़ी के पक्षपात को दर्शाता है.”
उधर, गणतंत्र दिवस समारोह में छत्तीसगढ़ की झांकी राज्य की समृद्घ कला और संस्कृति के रंग बिखरेंगी. इस झांकी में राज्य के पारंपरिक शिल्प और आभूषणों को प्रदर्शित किया जाएगा. यह झांकी राजपथ पर देश और विदेश से आए लाखों दर्शकों को समृद्घ छत्तीसगढ़ी संस्कृति के विभिन्न रंगों से परिचित कराएगी. साथ ही झांकी के साथ बस्तर के 25 आदिवासी नर्तकों का एक दल भी होगा। यह दल राजपथ पर झांकी के साथ माड़िया नृत्य प्रस्तुत करेगा. यही दल बाद में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के समक्ष भी अपनी लोकनृत्य कला प्रदर्शित करेगा.
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्रालय की इस समिति में देश के प्रख्यात कलाकार, वास्तुविद, संगीतकार, मूर्तिकार, गायक, पेंटर, फोटोग्राफर और अन्य विधाओं के विशेषज्ञ शामिल होते हैं. पश्चिम बंगाल के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड जैसे कई राज्यों की झांकी का चयन भी नहीं किया गया है. (एजेंसी इनपुट के साथ)