आरबीआई ने कार्ड नेटवर्क, वॉलेट को आरटीजीएस, एनईएफटी में जुड़ने की अनुमति दी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भुगतान प्रणाली प्रदाताओं, प्रीपेड कार्ड जारीकर्ताओं, कार्ड नेटवर्क्‍स और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को अपने केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली (सीपीएस) जैसे रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट( आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) सिस्टम में जुड़ने की अनुमति दे दी है.

आरबीआई (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 29 जुलाई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भुगतान प्रणाली प्रदाताओं, प्रीपेड कार्ड जारीकर्ताओं, कार्ड नेटवर्क्‍स और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों को अपने केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली (सीपीएस) जैसे रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट( आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) सिस्टम में जुड़ने की अनुमति दे दी है. गैर-बैंकों को एक ही मंच पर लाने की योजना का यह पहला चरण होगा.

अप्रैल में, आरबीआई ने कहा था कि वह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली (सीपीएस) - आरटीजीएस और एनईएफटी सिस्टम में चरणबद्ध तरीके से गैर-बैंकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा. गैर-बैंकों के लिए सीपीएस तक सीधी पहुंच पेमेंट इकोसिस्टम में समग्र जोखिम को कम करती है. इससे गैर-बैंकों को भी लाभ मिलेगा, जैसे भुगतान की लागत में कमी, बैंकों पर निर्भरता को कम करना, भुगतान पूरा करने में लगने वाले समय को कम करना, भुगतान की अनिश्चितता को समाप्त करना शामिल है. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: मोबाइल फोन चुराने वाले गिरोह के पांच बदमाश गिरफ्तार

इससे गैर-बैंक संस्थाओं द्वारा सीधे लेनदेन शुरू और फंड ट्रांसफर के निष्पादन में विफलता या देरी के जोखिम से भी बचा जा सकता है. सर्कुलर के अनुसार, "मौजूदा व्यवस्थाओं की समीक्षा पर और भुगतान प्रणाली प्रदाताओं (पीएसपी) के साथ विस्तृत चर्चा के बाद, यह सलाह दी जाती है कि, पहले चरण में, अधिकृत गैर-बैंक पीएसपी, जैसे पीपीआई जारीकर्ता, कार्ड नेटवर्क और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर सीपीएस में प्रत्यक्ष सदस्यों के रूप में भाग लेने के लिए पात्र होंगे."

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