Ration Distribution Scam Cases: गिरफ्तार बंगाल मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा, 'ज्यादा दिन तक जिन्दा नहीं रह पाऊंगा'
पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने रविवार को दावा किया कि उनकी हालत अच्छी नहीं है और वो लंबे समय तक जिन्दा नहीं रह पाएंगे.
कोलकाता, 12 नवंबर : पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने रविवार को दावा किया कि उनकी हालत अच्छी नहीं है और वो लंबे समय तक जिन्दा नहीं रह पाएंगे. दक्षिण कोलकाता में डिफेन्स के कमांड अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए लाए जाने पर मंत्री ने कहा, “मेरी तबीयत बेहद ख़राब है. मैं जल्द ही मर जाऊंगा.” राज्य के वर्तमान वन मंत्री और राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मल्लिक केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारियों के साथ ईडी दफ्तर से बाहर निकलते समय काफी टूटे हुए दिख रहे थे. हालांकि उन्होंने राशन वितरण से जुड़े मामलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
48 घंटों के अंतराल में यह दूसरी बार है जब गिरफ्तार मंत्री ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में इतनी गंभीर चिंता व्यक्त की है. 10 अक्टूबर को भी, जब उन्हें ईडी के अधिकारियों द्वारा कमांड अस्पताल लाया गया था, तो उन्होंने दावा किया कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है और उनके अंग लकवाग्रस्त हो सकते हैं. मल्लिक ने शुक्रवार को कहा था, “मैं बेहद अस्वस्थ हूं. ऐसा लगता है कि मेरा बायां हाथ और बायां पैर लकवाग्रस्त हो रहा है." पिछले दो दिनों से ईडी कार्यालय के सामने इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते समय उनका बॉडी लैंग्वेज पिछले महीने उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद की तुलना में काफी अलग थी. यह भी पढ़ें : MP Election 2023: एमपी चुनाव को लेकर CM चौहान का ऐलान, राज्य में 25-30 गांवों के बीच एक सीएम राइज स्कूल बनाएंगे
हालाँकि, रविवार को उनकी मौत की आशंका व्यक्त करने वाली उनकी बात ने कई लोगों को चकित कर दिया. 26 अक्टूबर को, जब ईडी के अधिकारी मल्लिक के आवास पर मैराथन छापेमारी और तलाशी अभियान चला रहे थे, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मल्लिक के स्वास्थ्य को लेकर ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी थी. मुख्यमंत्री ने उस दिन कहा था, “वह हाई ब्लड शुगर से पीड़ित हैं और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इसलिए अगर अनावश्यक उत्पीड़न के कारण उन्हें कुछ होता है, तो हमें ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी होगी.”