Ramadan 2021: रमजान के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में 50 लोगों के साथ नमाज पढ़ने की मिली इजाजत
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में 50 लोगों के साथ नमाज पढ़ने की मिली इजाजत
दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) ने निजामुद्दीन मरकज को खोलने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एक याचिका दायर की है. याचिका दायर करने के बाद कोर्ट में सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश वकील ने कहा कि 13 अप्रैल से रमजान शुरू हो रहे हैं. जबकि अगले सप्ताह शब-ए-बारात (shab-e-barat) है. इस दौरान लोग मरकज में नमाज पढ़ना चाहते हैं. इसलिए मरकज में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए. इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. सरकार ने अपने जवाब में दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि मरकज में 50 लोगों के साथ में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जा सकती है. कोर्ट के इस जवाब के बाद मरकज में 50 लोगों के साथ नमाज पढ़ने की इजाजत मिल गई है.
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वक्फ बोर्ड द्वारा चुने गए 50 लोग त्यौहारी सीजन में मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति दी जा सकती है. जिन 50 लोगों को मरकज में नमाज पढ़ने के लिए जाना है उनकी सूची स्थानीय एसएचओ को देनी होगी. वहीं केंद्र की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में पेश अधिवक्ता रजत नायर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड को इलाके के स्टेशन हाउस ऑफिसर ( SHO) को 50 नामों को सौंपना होगा जो मस्जिद में नमाज पढ़ना चाहते हैं. यह भी पढ़े: निजामुद्दीन मरकज मामला: दिल्ली की एक अदालत ने तबलीगी जमात से जुड़े 82 बांग्लादेशी नागरिकों को किया रिहा
वहीं दिल्ली वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि आने वाले शब-ए-बारात के दौरान मरकज में नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाए. इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. ऐसे में केंद्र सरकार पर निर्भर है कि वह अपने जवाब में कोर्ट को क्या जवाब देती है.
बात दें कि देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पिछले साल तबलीगी जामत के चलते सुर्ख़ियों में आये निजामुद्दीन मरकज को 31 मार्च 2020 से बंद कर दिया गया था. जिसके बाद से नमाज पर पाबंदी लगी है. कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद केंद्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को शर्तों के साथ खोलने के लिए इजाजत दी. लेकिन निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जामत को लेकर दर्ज केस के बाद मरकज को बंद है. जिसे नमाज के लिए खोलने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से इजाजत मांगी गई थी.