जयपुर, 9 मार्च: ऐसी अटकलें जोरों पर हैं कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी खुद की पार्टी बनाने की योजना बना रही हैं. ये कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि राजस्थान के पूर्वी इलाके में अपनी दो दिवसीय लंबी धार्मिक यात्रा के दौरान राजे अपनी दिवंगत मां विजयाराजे सिंधिया और खुद की प्रशंसा करती रहीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नीतियों के बारे में बात करने से परहेज किया.
इसके अलावा, राजे की यात्रा में निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला और विधायक राजेंद्र गुडा की उपस्थिति, जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए, ने अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है. यह भी पढ़े: Madhya Pradesh Government: गलत एवं भ्रामक सूचनाओं पर अंकुश लगाने के लिये मध प्रदेश सरकार ने ‘फैक्टचेक पोर्टल’ शुरू किया
एक समानांतर संगठन 'टीम वसुंधरा राजे' पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर पहले ही सक्रिय है और समय-समय पर जिला अध्यक्ष और राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की घोषणाएं भी की जाती रही हैं.
यह टीम अपनी 'रानी' के जन्मदिन की तैयारी में भी सक्रिय थी, जिसे सोमवार को मनाया गया. इस अवसर पर भरतपुर में एक विशाल सभा देखी गई जिसमें पूर्व विधायक और सांसद शामिल थे. इसके अलावा, लगभग 15 विधायकों-सांसदों ने राजे के जन्मदिन के मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
यह 'शक्ति प्रदर्शन' भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कुछ दिनों पहले हुई जयपुर यात्रा के ठीक बाद हुआ है.
नड्डा ने अपनी यात्रा के दौरान भाजपा के सभी नेताओं से आत्म विश्लेषण के लिए कहा था ताकि यह आकलन किया जा सके कि वे पार्टी में कैसा योगदान दे रहे हैं.
हालांकि, राजे ने पार्टी नेतृत्व के संदेश की खुले तौर पर अनदेखी की.
ऐसे समय में, जब जोधपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की संभावनाओं को मजबूत करने में लगे हैं, विपक्ष के नेता और उनके डिप्टी गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौर चल रहे विधानसभा सत्रों को संभाल रहे हैं और भाजपा टीम के अन्य सदस्य राजस्थान की चार सीटों पर आगामी उपचुनावों की तैयारी कर रहे हैं, राजे अपनी यात्रा का प्रचार कर रही हैं और अपने ब्रांड नाम और मूल्यों को बढ़ावा देने में व्यस्त हैं.
एक भाजपा कार्यकर्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यात्रा के दौरान, राजे ने भाजपा की नीतियों पर भी बात नहीं की लेकिन अपनी और अपनी मां की प्रशंसा करती रहीं. ऐसा लगता है कि वह केंद्रीय नेतृत्व को खुली चुनौती दे रही हैं.
जहां कटारिया और राठौड़ राज्य में अपराध दर में वृद्धि और विधानसभा में अन्य ज्वलंत मुद्दों के लिए गहलोत सरकार की आलोचना कर रहे हैं, वहीं राजे अलग-अलग जगहों पर गहलोत और उनकी सरकार की खुलकर प्रशंसा करती नजर आ रही हैं.
एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि वह विधानसभा से एक दूरी बनाए हुए हैं और जब वह वहां होती हैं, तो उन्हें कभी कोई महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए नहीं देखा जाता है.
भाजपा के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने पंचायत और स्थानीय नगर निकाय चुनावों के दौरान पार्टी के वोटबैंक को कम कर दिया और हाल ही में, वहां भी झगड़ा भड़काने की योजना थी, जब वरिष्ठ विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उन्हें विधानसभा में बोलने की अनुमति नहीं है.
सूत्रों ने कहा कि ये सभी मुद्दे ऐसे समय में सामने आए हैं जब राज्य के संगठन महासचिव चंद्रशेखर बंगाल में हैं, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पुडुचेरी में हैं और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया चार सीटों पर होने वाले उपचुनावों के प्रचार लिए दौरों में व्यस्त हैं.
एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, " इसलिए यह सब और अधिक स्पष्ट करता है कि वह अपनी खुद की योजनाएं बना रही हैं और 'ब्रांड राज' को प्रमोट करने में व्यस्त हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस मामले पर फैसला करना केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है. उन्होंने कहा, "मैं पार्टी के लाभ के लिए पार्टी द्वारा निर्धारित सिद्धांतों पर काम करना जारी रखूंगा."