उत्तराखंड में कहर बनकर टूटी बारिश, कहीं हुआ भूस्खलन तो कहीं पूरा इलाका हुआ जलमग्न, 122 सड़कें बंद
भूस्खलन (Photo Credits: ANI)

देहरादून, 9 जुलाई : मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूवार्नुमान के अनुसार राजधानी देहरादून सहित गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में भारी बारिश जारी है, जिस कारण मैदानी इलाकों में जहां कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है. ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे के साथ कई ग्रामीण सड़कें जगह-जगह पर मलबा आने के कारण बंद पड़ी है. भारी बारिश को देखते हुए शासन और सभी जिलों के प्रशासन अलर्ट पर हैं. बारिश के कारण बंद सडकों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है.

चमोली जनपद में ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे बंद है. उत्तरकाशी में 8 ग्रामीण सड़कें, देहरादून जिले में एक हाइवे, दो राज्य मार्ग और एक मुख्य जिला मार्ग सहित 22 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. पौड़ी में दो राज्य मार्ग, एक जिला मार्ग और 13 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. अल्मोड़ा में 5 ग्रामीण सड़कें, चंपावत में 2 ग्रामीण सड़के, रुद्रप्रयाग में मयाली तिलवाड़ा राज्य मार्ग पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण 8 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. टिहरी में 5 ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में 3 ग्रामीण सड़कें, बागेश्वर में 33 ग्रामीण सड़कें, पिथौरागढ़ में एक बॉर्डर सहित 14 ग्रामीण सड़कें बंद हैं. तो उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जनपद में 11 केवी की लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण 12 गांव की बिजली आपूर्ति बाधित है.

देहरादून में कई सड़कें जलमग्न: राजधानी देहरादून में भी भारी बारिश जारी है. भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिस कारण लोगों को आवाजाही में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. शहर में ड्रेनेज सिस्टम की उचित व्यवस्था न होने के कारण दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हो रही हैं.

एसडीआरएफ ने दो युवकों को नदी से किया रेस्क्यू:

कोटद्वार में खो नदी, मालन नदी और सुखरौ नदी सुबह से ही उफान पर हैं. कोटद्वार के दो युवक आज सुबह सुखरौ के टापू पर फंस गए. राहगीरों ने कोटद्वार थाने में सूचना दी. तत्काल ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और दोनों युवकों को रेस्क्यू कर सकुशल बचा लिया गया है. 108 की मदद से दोनों युवकों को बेस अस्पताल स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया है.

श्रीनगर झील का जलस्तर बढ़ा: श्रीनगर में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी पर बने जल विद्युत परियोजना की झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिस कारण श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के बैराज से पानी छोड़ना पड़ रहा है. लगातार पानी छोड़े जाने से अलकनंदा नदी विकराल रूप में बह रही है. नदी का जलस्तर डेंजर लेवल से 1 मीटर नीचे है, जो हरिद्वार, ऋषिकेष और यूपी के इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. नदी के किनारों पुलिस की टीम लगातार गश्त कर लोगों को सावधान कर रही है.

कोसी नदी में 870 क्यूसेक पानी छोड़ा गया:

अल्मोड़ा से कोसी नदी में 870 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसको लेकर मैदानी क्षेत्रों में रामनगर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. पुलिस और प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतनी और कोसी नदी के आसपास न जाने की हिदायत दी है. साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भी सिंचाई विभाग द्वारा कर्मचारियों को सचेत रहने की हिदायत दी है. उसके साथ ही कोसी नदी के आसपास रहने वाले लोगों को भी सचेत कर दिया गया है.

चमोली में आफत बनी बारिश: चमोली में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है. जिले के नंदनगर ब्लॉक के धिंगराड़ गांव को जोड़ने वाला पुल चुफ्लागाड़ नदी के उफान के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है. भारी बारिश से हुए नुकसान की सूचना के बाद प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. नेशनल हाईवे 534 पर भी दुगड्डा-आमसौड़ के बीच भारी बारिश के चलते मलबा आ गया है. मलबा आने की वजह से हाईवे अवरुद्ध हो गया है. एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ) के अधिशासी अभियंता अरविंद जोशी ने बताया कि भूस्खलन से सड़क मार्ग पर मलबा आ रहा है. कोटद्वार दुगड्डा के बीच दो जेसीबी मशीन लगाई के गई हैं. मार्ग को खोलने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. यह भी पढ़ें : Delhi: रिश्वत लेने के आरोप में रोहिणी जेल के 82 अफसरों पर FIR, ठग सुकेश से लेते थे डेढ़ करोड़ रुपये महीना

कर्णप्रयाग - ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध:

वहीं, कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग मौणा छिड़ा के वॉशआउट हो जाने से लोगों को पैदल चलने तक का रास्ता नहीं बचा है. नारायणबगड़ के समीप मौणा के आसपास कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग मलबा आने से बंद हो गया है. सड़क वॉशआउट होने से सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है.

बीआरओ के द्वारा चट्टान काटकर सड़क बनाई जा रही है. बीआरओ के अधिकारियों के मुताकि देर शाम तक छोटे वाहनों के आवाजाही के लिए मार्ग सुचारू हो जाएगा.

जौलजीबी - धारचूला मार्ग पर कालिका एसएसबी कैंप नया बस्ती के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में भूस्खलन का खौफनाक वीडियो सामने आया है. कुछ लोग बाधित मार्ग को पार करने के लिए जैसे ही आगे बढ़ते हैं, अचानक पहाड़ी से भारी मात्रा में भूस्खलन हो जाता है. कमोवेश पहाड़ों में ऐसी स्थिति लगातार बनी हुई है. तो वहीं, भारी बारिश से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी थल मोटर मार्ग में बिर्थी के पास द्वालीगाड़ में पुल ध्वस्त हो गया है. पुल के अप्रोच नाले के तेज बहाव में क्षतिग्रस्त हो गये हैं और वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है.

हरिद्वार और काशीपुर में जलभराव :

हरिद्वार और काशीपुर में सुबह से रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश से शहर में जगह-जगह पर जलभराव हो गया है. काशीपुर में चंद घंटों की मूसलाधार बारिश से रतन सिनेमा रोड, नगर निगम रोड, मुख्य बाजार, स्टेशन रोड, टांडा उज्जैन, मुरादाबाद रोड, डिजाइन सेंटर के पास, मोहल्ला महेशपुरा की पुलिया, लक्ष्मीपुर पट्टी, काली बस्ती, मुंशीराम का चौराहा, पोस्ट ऑफिस रोड, पटेल नगर, पंजाबी सराय, अल्ली खां समेत शहर के इलाको में जलभराव हो गया. इस दौरान मुख्य बाजार में आलम यह रहा कि दुकानों के अंदर तक पानी घुस गया, जिस वजह से दुकानदारों का काफी नुकसान हो गया है.

हरिद्वार ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग जलभराव:

ऋषिकेश में भारी बारिश की वजह से हरिद्वार ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग नदी में तब्दील हो गया है. सड़क पर बह रहे पानी की वजह से लंबा जाम भी लग गया. लोगों को पैदल चलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऋषिकेश में हुई पहली बारिश में ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गया है. सबसे बड़ी दिक्कत हरिद्वार रोड स्थित पुरानी चुंगी से लेकर कोयल घाटी डिग्री कॉलेज तक देखने को मिल रही है. जहां सड़क पर नदी बहते हुए दिखाई दे रही है. सड़क पर पानी और जाम की वजह से स्कूली बच्चों को छुट्टी के समय सबसे ज्यादा परेशान हुए. लक्ष्मण झूला रोड पर फुटकर सब्जी मंडी के पास भी जलभराव से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

बता दें, मौसम विभाग ने बीते रोज पौड़ी और नैनीताल भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया था, जबकि देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ जनपद में कहीं-कहीं पर भारी बारिश की संभावना को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था.