भीमा-कोरेगांव हिंसा के पूरे होने वाले हैं एक साल, पहली वर्षगांठ पर सुरक्षा को लेकर महाराष्ट्र पुलिस सतर्क 

भीमा-कोरेगांव हिंसा की पहली वर्षगांठ पर किसी तरह की कोई अनहोनी न हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. ऐसे में पुणे पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह अलर्ट है कि इस बार हिंसा की कोई घटना नहीं हो.

भीमा कोरेगांव हिंसा (Photo Credits: PTI)

पुणे: पुणे के पास स्थित भीमा-कोरेगांव में भड़की जातीय हिंसा (Bhima-Koregaon Violence) मामले के अब एक साल पूरे होने वाले हैं. बता दें कि एक जनवरी 2018 को नए साल के दिन यह हिंसा भड़की थी. अब जब नया साल दस्तक देने को तैयार है तो इस साल भी नए साल के जश्न में कोई भंग न पड़े इसके लिए पुलिस (Police) भी सतर्क हो गई है. भीमा-कोरेगांव हिंसा की पहली वर्षगांठ (first Anniversary) पर किसी तरह की कोई अनहोनी न हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. ऐसे में पुणे पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह अलर्ट (Alert) है कि इस बार हिंसा की कोई घटना नहीं हो.

महाराष्ट्र के लिए वर्ष की शुरूआत हिंसा से हुई थी और अगले कुछ महीने तक यह मामला कुछ ना कुछ कारणों से लगातार चर्चा में बना रहा. भीमा-कोरेगांव संघर्ष की 200वीं वर्षगांठ के पहले तनाव व्याप्त हो गया था, क्योंकि कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने आयोजन का विरोध किया था.

पुणे से 40 किलोमीटर दूर कोरेगांव-भीमा में जय स्तंभ पर हर साल दलित समुदाय के लोग इकट्ठा होते हैं, लेकिन इस बार हिंसा भड़कने पर भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और दुकानों-मकानों में तोड़फोड़ की थी. यह भी पढ़ें: भीमा-कोरेगांव जातीय हिंसा मामले में 2 मानवाधिकार कार्यकर्ता गिरफ्तार

बता दें कि पुणे के पूर्व शासक पेशवा और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1818 में लड़ाई हुई थी. अब कोरेगांव-भीमा संघर्ष की एक और वर्षगांठ नजदीक होने के साथ पुणे पुलिस इस बार पूरी चौकसी बरत रही है ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो.

Share Now

\