पुलवामा आतंकी हमला: जानें क्या होता है ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा, भारत के छिनने से पाकिस्तान में आ सकती है भुखमरी
जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र यानि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया गया. भारत की ओर से यह एक्शन 45 वीर जवानों की शाहदत के बाद लिया गया है.
नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र यानि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया गया. भारत की ओर से यह एक्शन 45 वीर जवानों की शाहदत के बाद लिया गया है. दरअसल पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 45 जवान शहीद हो गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक में यह फैसला लिया गया. पीएम मोदी ने आज कहा कि आतंकवादियों ने अपनी सबसे बड़ी गलती की है और इस कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को इसका अंजाम भुगताना होगा.
वहीं भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाया जा सकता है. भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था.
ऐसे होगा पाकिस्तान का नुकसान-
व्यापार एवं शुल्क पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के आम समझौते (जीएटीटी) के तहत एमएफएन का दर्जा दिया गया था। भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे और दोनों डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं. इसका अर्थ है कि उन्हें माल पर सीमा शुल्क लगाने के संबंध में एक-दूसरे और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्यों के साथ तरजीही व्यापारिक साझेदार के रूप में व्यवहार करना होगा.
एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि इस दर्जे को वापस लेने का अर्थ है कि भारत अब पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर किसी भी स्तर तक सीमा शुल्क को बढ़ा सकता है.
एमएफएन समझौते के तहत, डब्लयूटीओ के सदस्य देश अन्य व्यापारिक देशों के साथ गैर-भेदभावपूर्ण तरीके का व्यापार करने के लिए बाध्य है। खासकर सीमाशुल्क और अन्य शुल्कों के मामले में.
भारत-पाक के बीच अरबों का व्यापार-
भारत-पाकिस्तान का कुल व्यापार 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर से मामूली बढ़कर 2017-18 में 2.41 अरब डॉलर हो गया है. भारत ने 2017-18 में 48.8 करोड़ डॉलर का आयात किया था और 1.92 अरब डॉलर का निर्यात किया था.
भारत मुख्य रूप से कपास, डाई, रसायन, सब्जी, लौह और इस्पात का निर्यात करता है जबकि फल, सीमेंट, चमड़ा, रसायन और मसालों का आयात करता है.
गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. इस घटना में 45 जवान शहीद हो गए जबकि 38 अन्य घायल हो गए.