झारखंड में भाजपा की सरकार बनते ही बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर भेजेंगे: अमित शाह
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साहिबगंज, 20 सितंबर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को झारखंड के साहिबगंज जिले के भोगनाडीह गांव से भाजपा की परिवर्तन यात्रा का आगाज किया. इस मौके पर अमित शाह ने साहिबगंज पुलिस लाइन मैदान में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह यात्रा झारखंड में भ्रष्ट और बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों को संरक्षण देने वाली सरकार को हटाकर राज्य का विकास करने वाली भाजपा की सरकार बनाने का संदेश घर-घर पहुंचाएगी. राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही संथाल परगना से बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुनकर वापस भेजेंगे, यह हमारा वादा है.

अमित शाह ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार बताते हुए कहा कि इन्होंने एक हजार करोड़ का मनरेगा घोटाला, 600 करोड़ का जमीन घोटाला, 1000 करोड़ का खनन घोटाला और 40 करोड़ का शराब घोटाला किया है. ये लोग सेना की जमीन तक खा गए. ऐसी सरकार कभी झारखंड के लोगों और आदिवासियों का भला नहीं कर सकती. यह भी पढ़ें : भविष्य के युद्ध पर पहला पाठ्यक्रम 23 सितंबर से शुरू होगा: सीडीएस जनरल चौहान

उन्होंने कहा कि परिवर्तन यात्रा का उद्देश्य सिर्फ हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो-कांग्रेस-आरजेडी सरकार को हटाकर भाजपा को लाना नहीं, बल्कि झारखंड में एक ऐसी सरकार बनाना है, जो भ्रष्टाचार को रोके और बांग्लादेशी घुसपैठियों को यहां से बाहर भेज सके. आज झारखंड के पाकुड़ जिले में ‘हिंदुओं और आदिवासियों झारखंड छोड़ो’ के नारे लगते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि ये भूमि हमारे आदिवासियों की है या बांग्लादेशी-रोहिंग्या की? हमें इस धरती को बचाना है और यह काम हेमंत सोरेन और कांग्रेस की सरकार कभी नहीं कर सकती क्योंकि घुसपैठिए उनके वोट बैंक हैं. यह काम सिर्फ नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार ही कर सकती है.

अमित शाह ने बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर आभार जताते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय, झारखंड सरकार के साथ इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाएगी. झारखंड का निर्माण अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किया था. इसके पीछे का उद्देश्य जनकल्याण था, लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने जनकल्याण की जगह घुसपैठिया कल्याण वाला राज्य बना दिया.

हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि इन्होंने वादा किया था कि प्रतिवर्ष पांच लाख नौकरी देंगे, लेकिन युवा बताएं कि क्या उन्हें नौकरी मिली? सच तो यह है कि उन्होंने युवाओं को नौकरी देने की जगह ऐसा नियम लागू किया कि दौड़ लगाते-लगाते युवाओं की मौत हो रही है. इसी तरह राज्य की विधवा बहनों को इन्होंने हर महीने 2500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन यह राशि किसी को नहीं मिली.

झारखंड की सरकार पर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यहां एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं. एकेडमिक काउंसिल, जूनियर इंजीनियर, लैब असिस्टेंट, नगरपालिका, ग्रेजुएट लेवल की नौकरी और जेपीएससी के पेपर लीक हुए. सच तो यह है कि यहां पैसा लेकर पेपर बांटे जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही पेपर लीक के तमाम मामलों में सख्त कार्रवाई होगी.