Poonch Terror Attack: पुंछ हमले को लेकर एक्शन में सेना, आतंकवादियों को खोजने के लिए ड्रोन, खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल
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पुंछ, 21 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बृहस्पतिवार को हुए एक आतंकवादी हमले में पांच जवानों के शहीद होने के बाद बाटा-डोरिया क्षेत्र के घने जंगल में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा तलाश अभियान शुरू किया है.

शुक्रवार को इस अभियान में ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया गया वहीं एक एमआई हेलिकॉप्टर ने घने वन क्षेत्र की टोह ली. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम ने घटना स्थल का दौरा किया और इलाके और उस वाहन का निरीक्षण किया जिस पर हमला किया गया था. Terrorist Attack in Kashmir: कश्मीर में आतंकियों का बड़ा हमला, सेना की गाड़ी पर बरसाई गोलियां, 5 जवान शहीद

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह, एडीजीपी मुकेश सिंह सहित पुलिस और सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इस अभियान की समीक्षा की. अधिकारियों ने बताया कि पूरे इलाके को घेर लिया गया है और आतंकवादियों को खोजने के लिए ड्रोन एवं खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

सेना ने एक बयान में कहा है कि हमले में शहीद हुए जवान राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के थे और उन्हें इलाके में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया था. पुंछ में बृहस्पतिवार को एक आतंकवादी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया.

सेना ने कहा कि जिस वाहन में जवान यात्रा कर रहे थे, वह अज्ञात आतंकवादियों के हमले की चपेट में आ गया और संभवत: ग्रेनेड की चपेट में आने के कारण उसमें आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार नियंत्रण रेखा के पास कड़ी सतर्कता बरती जा रही है और भीम्बर गली-पुंछ मार्ग पर यातायात रोक दिया गया है और लोगों को मेंढर के रास्ते पुंछ जाने की सलाह दी गई है.

शहीद हुए जवानों की पहचान हवलदार मंदीप सिंह, लांसनायक देबाशीश बस्वाल, लांसनायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह के रूप में की गई है. राजौरी में एक कार्यक्रम में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद, ओडिशा में पुरी जिले के अलगुम सामी गांव के लांस नायक देबाशीष के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हवाई मार्ग से उनके पैतृक स्थान ले जाया गया.

मंदीप सिंह, कुलवंत सिंह, हरकृष्ण सिंह और सेवक सिंह के पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके पैतृक स्थानों पर भेजे जा रहे हैं.

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