कोलकाता: दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष (Aishe Ghosh) भी पश्चिम बंगाल के चुनावी अखाड़े में है. आइशी जामुड़िया विधानसभा सीट से बतौर कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) उम्मीदवार मैदान में है, लेकिन अब तक के रुझानों में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. जमुरिया (Jamuria) सीट पर वह तीसरे स्थान पर है. विधानसभा चुनाव: पश्चिम बंगाल में कांटे की टक्कर, तमिलनाडु में द्रमुक, असम में भाजपा को बढ़त
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जामुड़िया विधानसभा सीट से आल इण्डिया तृणमूल कांग्रेस के हरेराम सिंह सबसे आगे चल रहे है. उन्हें अब तक 27,891 वोट मिले है, जो कि कुल गिने हुए वोटों का 47.15 फीसदी है. जबकि बीजेपी के तापस कुमार राय 21,538 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर है, उन्हें 36.41 फीसदी वोट मिले है. वहीं, माकपा उम्मीदवार आइशी घोष को 6,860 वोट मिले है, जो कि कुल गिने हुए मतों का 11.6 फीसदी है.
उल्लेखनीय है कि आइशी घोष जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पहली छात्र बन गई हैं. वह पश्चिम बंगाल के दुगार्पुर की रहने वाली हैं. आइशी घोष ने स्कूली पढ़ाई दुगार्पुर से की है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और जेएनयू से एमफिल कर रही हैं. पिछले वर्ष जेएनयू हिंसा में उन्हें चोट भी आई थी. विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने कहा था कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. नई जिम्मेदारी मिलने के बावजूद मेरी राजनीति में कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जेएनयू उनके भीतर हमेशा रहेगा.
इससे पहले छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भाकपा बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना चुकी है. लेकिन इस वामपंथी दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार तब छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष थे. उन्हें हार नसीब हुई थी.