वाराणसी लोकसभा सीट 2019: पीएम मोदी का जादू बरकरार, लगभग ढाई लाख वोटों से आगे
इस सीट पर वर्ष 2009 में मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ मुख्तार अंसारी ने कड़ी टक्कर जरूर दी थी. बीजेपी के दिग्गज नेता 17,211 वोटों से जीते थे. 2004 में इस सीट से कांग्रेस के राजेश ने परचम लहराया था.
Varanasi Lok Sabha Constituency: उत्तर प्रदेश का वाराणसी लोकसभा सीट के चुनावी रुझान आन शुरू हो गया हैं. देश की सबसे हाई प्रोफाइल संसदीय सीट है. इस सीट से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी (Narendra Modi) चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार पीएम मोदी को कांग्रेस के अजय राय (Ajay Rai) टक्कर दे रहे हैं. वहीं इस बार उत्तर प्रदेश के दो मुख्य विपक्षी नेता अखिलेश यादव और मायावती के साथ चुनाव लड़ने से उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. उत्तर प्रदेश के 80 सीटों पर कुल 7 चरण में चुनाव हुआ.
2014 आम चुनावों में उन्होंने इस सीट से शानदार जीत दर्ज की थी. इस बार पीएम मोदी को कांग्रेस के अजय राय (Ajay Rai) टक्कर दे रहे हैं. महागठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी की ओर से शालिनी यादव (Shalini Yadav) मैदान में हैं. सपा ने हालांकि पहले बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को समर्थन दिया था मगर उनकी उम्मीदवारी रद्द हो गई. सपा-बसपा गठबंधन की उम्मीदवार शालिनी यादव के परिवार का कांग्रेस से पुराना रिश्ता रहा है. वह कांग्रेस के दिवंगत नेता और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. वाराणसी में अंतिम चरण के तहत 19 मई को मतदान होगा, और मतगणना 23 मई को होगी.
पीएम मोदी इस बार अपने द्वारा किये गए विकास कामों का हवाला देकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वहीं, अजय राय अपने को स्थानीय बताकर वोट मांग रहे हैं. बात करें 2014 की तो तब पीएम मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी से संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस से अजय राय ने चुनाव लड़ा था. अजय राय 2014 में मोदी के खिलाफ अपनी जमानत जब्त करा चुके हैं. वह तीसरे स्थान पर रहे थे. आइये देखते हैं 2014 के आंकड़े.
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नरेंद्र मोदी (बीजेपी)- 5,81,023
अरविंद केजरीवाल (आप)- 2,09,238
अजय राय (कांग्रेस)- 75,614
विजय जैसवाल (बीएसपी)- 60,579
बता दें कि पहले कयास लगाए का रहे थे कि इस सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेगी मगर ऐसा हुआ नही. प्रियंका ने पार्टी का प्रचार तो जमकर किया मगर चुनावी मैदान में नही उतरी.
इस सीट पर वर्ष 2009 में मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ मुख्तार अंसारी ने कड़ी टक्कर जरूर दी थी. बीजेपी के दिग्गज नेता 17,211 वोटों से जीते थे. 2004 में इस सीट से कांग्रेस के राजेश ने परचम लहराया था.