उत्तर प्रदेश: लखनऊ में CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यक्ति की मौत ने खड़ा किया विवाद, कई अस्पताल में भर्ती
लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गुरुवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में मोहम्मद वकील की मौत ने बड़े विवाद को हवा दे दी है. मृतक के परिवार का कहना है कि वकील विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था और उसके शव को तब तक नहीं दफनाया जाएगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता. वह परिवार का एकमात्र कमाऊ व्यक्ति था और वह ई-रिक्शा चलाता था.
उत्तर प्रदेश: लखनऊ (Lucknow) में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर गुरुवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में मोहम्मद वकील (25) की मौत ने बड़े विवाद को हवा दे दी है. मृतक के परिवार का कहना है कि वकील विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था और उसके शव को तब तक नहीं दफनाया जाएगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता. उसके पिता शर्फुद्दीन ने कहा वह अपने पीछे सात महीने की गर्भवती पत्नी और छह छोटे भाई-बहन छोड़ गया है. वह परिवार का एकमात्र कमाऊ व्यक्ति था और वह ई-रिक्शा चलाता था.
वह सब्जियां और दवा खरीदने बाहर गया था और उसके बाद हमें शाम को उसके ही मोबाइल से सूचित किया गया कि वह अस्पताल में भर्ती है. वकील के पेट में गोली लगी थी और गुरुवार शाम को उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. उसके पिता ने आगे कहा जाहिर तौर पर वह सतखंडा क्षेत्र के आसपास फंस गया था, जहां प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेला जा रहा था. खुद को बचाने के लिए वह एक गली में जा भागा और उसे गोली लग गई. हमें बताया गया कि उसे प्वॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (King George Medical University) के ट्रॉमा सेंटर के संकाय प्रभारी संदीप तिवारी ने कहा वकील जब यहां आया तो उसके पेट में गोली लगी थी. उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि उसे यहां इलाज के लिए कौन और कहां से लेकर आया था, लेकिन जब उसे लाया गया तब शहर में विरोध प्रदर्शन चल रहा था.
वकील की मौत का मुद्दा उसके परिजन जुमे की नमाज के बाद उठाएंगे. नाम न छापने की शर्त पर एक मौलवी ने बताया हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करेंगे. एक निर्दोष व्यक्ति की मौत हुई है, उसका परिवार अनाथ हो गया है. सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है.
वहीं लखनऊ के पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने युवक की मौत गोली लगने से होने की पुष्टि की लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने किसी भी जगह पर गोली नहीं चलाई थी. उन्होंने कहा हम इस बात की जांच करेंगे कि कैसे, कब और किन परिस्थितियों में उसे गोली लगी, जिससे उसकी जान चली गई.