लखनऊ:- नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन का आलम ऐसा है कि लोग कई दिनों से लगातार धरने पर बैठे हैं. वहीं केंद्र सरकार देश की जनता को CAA और NRC को लेकर जो अफवाह फैलाएं गए हैं उसे दूर कर सहीं जानकारी दे रहे हैं. इसी बीच एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) से आ रही है. पल्स पोलियो अभियान (Pulse Polio Campaign) के तहत दवा पिलाने पहुंची की टीम को एनपीआर (NPR) और एनआरसी (NRC) का डाटा तैयार करने वाला समझकर बंधक बना लिया गया. इतना ही नहीं इस दौरान उनके साथ मारपीट भी की गई. जिस स्टाफ को बंधक बनाया गया था उसमें कुछ महिलाएं भी थी.
जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें वहां से छुड़ाया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं इस घटना की जनाकारी मिलने के बाद मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार ने कहा कि हमारी टीम पोलियो टीकाकरण शिविर के लिए गई थी और उन्होंने पोलियो सर्वेक्षण के लिए बच्चों के बारे में कुछ जानकारी मांगी। स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि NPR गणना के लिए सवाल पूछे जा रहे हैं वो टीम के साथ दुर्व्यवहार करने लगे. यह भी पढ़ें:- CAA Protest: प्रदर्शनकारियों पर यूपी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रियंका गांधी NHRC में करेंगी शिकायत.
Meerut: Dr. Rajkumar, Chief Medical Officer, says,“Y'day our team went for polio vaccination camp&asked locals certain details about their children,as part of polio survey. Locals suspected that questions were being asked for NPR enumeration and misbehaved with the team.” (25.01) pic.twitter.com/CasIHUbBCk
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2020
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में मेरठ में हुई हिंसा में 35 पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे. इस हिंसा में मौतें भी हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 102 लोगों को गिरफ्तार भी किया था. जिसके बाद मेरठ में इंटनेट सेवा बंद कर दी गई थी. बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले कह चुके हैं कि राज्य में हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फिलहाल इस घटना की जांच में पुलिस जुट गई है.