UAPA बिल: गृहमंत्री अमित शाह का दिग्विजय सिंह पर बड़ा हमला, कहा- वो नाराज हैं, क्योंकि हाल ही में वे चुनाव हारे हैं

राज्यसभा में शुक्रवार को UAPA संशोधन बिल पर चर्चा हुई. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब दिया और तर्क गिनाए कि ये कानून क्यों जरूरी है. अमित शाह ने दिग्विजय सिंह के उन सवालों का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने NIA के द्वारा केस साबित ना करने का आरोप लगाया था. इस दौरान उन्होंने दिग्विजय सिंह की ओर से उठाए गए सवालों पर निशाना साधा.

गृहमंत्री अमित शाह और दिग्विजय सिंह (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली. राज्यसभा में शुक्रवार को UAPA संशोधन बिल (UAPA Bill) पर चर्चा हुई. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने विपक्ष के सभी आरोपों का जवाब दिया और तर्क गिनाए कि ये कानून क्यों जरूरी है. अमित शाह (Amit Shah) ने कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के उन सवालों का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने NIA के द्वारा केस साबित ना करने का आरोप लगाया था. इस दौरान उन्होंने दिग्विजय सिंह  (Digvijaya Singh) की ओर से उठाए गए सवालों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) नाराज हैं. यह प्राकृतिक है. वो हाल ही में चुनाव हारे हैं.

अमित शाह (Amit Shah) ने आगे कहा कि एनआईए (NIA) के तीन केस में किसी को सजा नहीं मिली, मैं आपको बताता हूं ऐसा क्यों हुआ क्योंकि ये केस राजनीतिक बदले के लिए किए गए थे, इसमें एक विशेष धर्म को आतंक से जोड़ने का प्रयास किया गया. यह भी पढ़े-संसद में मोदी सरकार की दूसरी बड़ी जीत, ट्रिपल तलाक के बाद अब आतंकवाद विरोधी बिल-UAPA भी राज्यसभा में पास

दरअसल, शुक्रवार को UAPA बिल पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने इस पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, "हमें भाजपा के इरादों पर संदेह है. कांग्रेस ने आतंकवाद पर कभी समझौता नहीं किया, यही वजह है कि हम ये कानून लेकर आए। ये आप हैं जिन्होंने आतंक पर समझौता किया, एक बार रुबैय्या सईद की रिहाई के दौरान और दूसरा मसूद अजहर को छोड़ कर."

वहीं अमित शाह (Amit Shah)  ने कहा कि आतंकवाद इंसानियत के खिलाफ होता है। जब हम विपक्ष में थे तो हमने UAPA संशोधन का साल 2004 और 2008 और 2013 में समर्थन किया था. NIA जांच में दोषी साबित होने की दर सबसे ज़्यादा है. आतंकवाद के खिलाफ सभी को एकजुट होना चाहिए. हम मानते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है. यह मानवता के खिलाफ है, यह किसी सरकार या व्यक्ति के खिलाफ नहीं होता है. इस बिल में आतंकवाद घोषित करने के लिए चार प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं.

ज्ञात हो कि यूएपीए बिल 2019 शुक्रवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) से पास हो गया. बिल के पक्ष में 147 और विरोध में 42 वोट पड़े. लोकसभा (Lok Sabha) बिल को पहले ही मंजूरी दे चुकी है. गुरुवार और शुक्रवार को बिल पर उच्च सदन में चर्चा के बाद इसे मंजूरी मिली. बिल को लेकर कांग्रेस (Congress) और दूसरे विपक्षी सदस्यों ने कई सवाल उठाए. जिस पर अमित शाह (Amit Shah) ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस बिल का मसकद किसी को निशाना बनाना नहीं है, जैसा कि कुछ सदस्यों ने सवाल उठाए हैं.

Share Now

\