मध्यप्रदेश में बीजेपी के कई नेता टिकट वितरण को लेकर नाराज, भिंड के पूर्व सांसद अशोक अर्गल ने कांग्रेस से मिलाया हाथ
बीजेपी और कांग्रेस (File Photo)

भोपाल: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं में असंतोष बढ़ रहा है. शहडोल के सांसद ज्ञान सिंह (Gyan Singh) और भिंड के पूर्व सांसद अशोक अर्गल टिकट न मिलने को लेकर खुले तौर पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. अर्गल कांग्रेस (Congress) के संपर्क में हैं. राज्य की 29 लोकसभा सीटों में वर्तमान में 26 पर भाजपा और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है. भाजपा ने अब तक 14 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. भाजपा ने पांच वर्तमान सांसदों का टिकट काटा है. टिकट काटे जाने को लेकर भाजपा में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं.

शहडोल से सांसद ज्ञान सिंह ने टिकट काटे जाने पर सख्त नाराजगी जताई है. ज्ञान सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान टिकट वितरण पर ऐतराज जताया और कहा कि वे गरीब हैं, इसलिए उनका टिकट काटा गया है. भाजपा ने कांग्रेस से आई हिमाद्री सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने पर भी ज्ञान सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई है. साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ने की चेतावनी दे डाली है.

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इसी तरह भिंड संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद अशोक अर्गल ने टिकट न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है. भाजपा ने यहां से संध्या राय को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, अर्गल कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपर्क में हैं, सिंधिया से उनकी बुधवार को मुलाकात भी हो चुकी है. अर्गल कांग्रेस में जाने का मन बना चुके हैं, साथ ही वे भिंड से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं.

इसी तरह मुरैना संसदीय क्षेत्र के सांसद अनूप मिश्रा टिकट कटने से नाराज चल रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे मिश्रा को भाजपा मनाने की केाशिश में लगी हुई है और उन्हें ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने के आसार हैं. मिश्रा का टिकट काटकर मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया गया है.

वहीं, टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद और भारतीय जनता पार्टी द्वारा उम्मीदवार बनाए गए मंत्री वीरेंद्र खटीक का स्थानीय नेता विरोध कर रहे हैं. पूर्व विधायक आर.डी. प्रजापति ने बुधवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उम्मीदवार में बदलाव की मांग की. प्रजापति का कहना है कि अगर उम्मीदवार नहीं बदला गया तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा.