भोपाल : मध्यप्रदेश (Madhya Prdaesh) में कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार को समर्थन दे रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की विधायक रामबाई सरकार की किरकिरी कराने में लगी हैं. एक तो उनके बयान मुसीबत पैदा कर देते हैं, दूसरी ओर उनकी कार्यशैली सरकार को कटघरे में खड़ा कर देती है. राज्य में सत्ता बदले सात माह बीत गए हैं. इस दौरान दमोह जिले से बसपा विधायक रामबाई (Ram Bai) अपने बयानों और कार्यशैली के कारण सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही हैं. उन्होंने दिसंबर और जनवरी में आक्रामक रुख अपनाया और कई कर्मचारियों की पिटाई तक कर दी. जब उनका मंत्री बनने का मोह जागा तब उन्होंने कई अटपटे बयान दे डाले.
पिछले दिनों रामबाई ने अपने परिवार को हत्याकांड में फंसाए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि जब उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है तो किसे न्याय मिल रहा होगा? इतना ही नहीं, वे अपने पति गोविंद को लेकर विधानसभा परिसर में पहुंच गईं. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सरकार पर जमकर हमला बोला. रामबाई का कहना है कि उनके पति पर आरोप साबित हो जाए तो वह राजनीति छोड़ देंगी. साथ ही मीडिया पर भी वह अपना भड़ास निकाल रही हैं.
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कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में पथरिया से बसपा विधायक रामबाई के पति गोविद सिह को नामजद किया गया था. उसके बाद दमोह पुलिस ने गोविंद पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. बाद में इनाम को निरस्त किया और चौरसिया हत्याकांड के आरोपपत्र से उनका नाम ही हटा दिया. पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है.
राजनीतिक विश्लेषक गिरिजा शंकर का कहना है कि रामबाई की कार्यशैली से सरकार की किरकिरी हो रही है. सरकार हमेशा कहती है कि कानून अपना काम करेगा, लिहाजा रामबाई के पति के मामले में भी यही होना चाहिए, तभी सरकार की कथनी और करनी एक जैसी नजर आएगी.
ज्ञात हो कि राज्य में कमलनाथ की सरकार अल्पमत वाली है, क्योंकि राज्य विधानसभा के 230 सदस्यों में से कांग्रेस के 114 सदस्य हैं. बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह सरकार चल रही है. बाहर से समर्थन देने वाले सभी विधायक मंत्री बनना चाहते हैं. रामबाई भी मंत्री बनने को आतुर हैं. लिहाजा, वह सरकार पर तो हमला बोलती रहती हैं, मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रशंसा करती हैं.
रामबाई की कार्यशैली के चलते भाजपा को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल जाता है. भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा का आरोप है कि राज्य सरकार खुद को बचाने की कोशिश में इतना नीचे गिर गई है कि वह जानते हुए भी हत्या के आरोपियों को संरक्षण दे रही है.