सचिन पायलट को कांग्रेस ने दिखाया बाहर का रास्ता, राजस्थान के डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से किया बर्खास्त
राजस्थान (Rajasthan) में राजनीतिक संकट के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को पद से हटा दिया गया है. साथ ही सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewal) ने मंगलवार दोपहर को इस बात की जानकारी दी है.
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में राजनीतिक संकट के बीच बागी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को पद से हटा दिया गया है. साथ ही सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने मंगलवार दोपहर को इस बात की जानकारी दी है. आज सुबह हुए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल नहीं हुए थे.
कांग्रेस ने सचिन पायलट के अलावा उनके समर्थक मंत्रियों को भी गहलोत सरकार से निकाल दिया है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट के साथ ही विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा भी मंत्रिमंडल से बाहर किए गए है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ मतभेद चरम पर पहुंचने के बाद सचिन पायलट ने बगावती तेवर अपना लिया था. कांग्रेस ने फिर बुलाई विधायक दल की बैठक, पायलट के संपर्क में पार्टी नेतृत्व
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 19 जून को राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था. 200 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के 107 विधायक हैं, और उसे 13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. जबकि माकपा और बीटीपी के कुल दो विधायकों ने गहलोत सरकार को सशर्त समर्थन दे रखा है. बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलडी के तीन विधायकों का समर्थन हासिल है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर लगाया षड्यंत्र का आरोप-
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या मौजूद है और उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, वहीं दूसरी ओर पायलट ने दावा किया है कि उन्हें राजस्थान के करीब 30 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. जिसमें कांग्रेस के विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक शामिल हैं. उधर, कांग्रेस में जारी घमासान को देखते हुए बीजेपी भी लगातार बैठके कर रही हैं. हालांकि अब तक बीजेपी ने गहलोत सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग नहीं की है.