राजस्थान में खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच कांग्रेस विधायक शुक्रवार को अगले 14 दिनों के लिए जयपुर से जैसलमेर ले जाए गए हैं. राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त को बुलाया गया है और तबतक विधायक जैसलमेर में रिसॉर्ट में रहेंगे. ये सभी विधायक 13 जुलाई से होटल फेयरमाउंट में ठहरे हुए थे, जब सचिन पायलट 18 विधायकों के साथ संपर्क से दूर हो गए थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को संबोधित किया और कहा कि बसपा के विधायकों का विलय गलत नहीं हो सकता. राज्यसभा में तेदेपा के चार सांसद भी सत्ताधारी भाजपा के साथ विलय कर लिए थे. मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद वह विश्वासमत हासिल करना चाहेंगे.
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में खरीद-फरोख्त की दरें बढ़ गई हैं, क्योंकि विधानसभा सत्र की तिथि तय होने के बाद नई दरें घोषित की गई हैं. उन्होंने कहा, "विधानसभा सत्र की घोषणा के बाद खरीद-फरोख्त की दरें बढ़ गई हैं. पहले विधायकों के लिए पहली किश्त 10 करोड़ रुपये थी और दूसरी किश्त 15 करोड़ रुपये थी. लेकिन अब यह असीमित हो गई है और हर कोई जानता है कि इस खरीद-फरोख्त में कौन शामिल है.
गहलोत ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती पर भी निशाना साधा और भाजपा का साथ देने का आरोप लगाया. गहलोत ने असंतुष्ट विधायकों से भी फ्लोर टेस्ट के लिए आग्रह किया और कहा कि चूंकि उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव जीता है, लिहाजा यह उनका कर्तव्य बनता है कि वे सदन में पार्टी के साथ खड़ा रहें.