Rahul Gandhi On Manipur Violence: अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोले राहुल गांधी, 'भाजपा ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की'
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अविश्वास प्रस्ताव पर आज दूसरे दिन सदन में बहस जारी है. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, स्पीकर महोदय मैं आपसे माफी मांगना चाहता हूं. मैंने पिछली बार अडानी के मुद्दे पर जोर से बोला था. उससे सीनियर नेता को कष्ट हुआ. लेकिन आपको अब डरने की जरूरत नहीं है. कोई घबराने की जरूरत नहीं है. आज मेरा भाषण अडानी पर नहीं बोलने जा रहा है. आप रिलेक्स कर सकते हैं. शांत रह सकते हैं. मेरा भाषण आज दूसरी दिशा में जा रहा है. आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा. एक दो गोले जरूर मारूंगा, लेकिन इतने नहीं मारूंगा. आप लोग रिलेक्स कर सकते हैं.

मणिपुर हिंसा पर क्या बोले राहुल गांधी

राहुल ने कहा, कुछ दिन पहले मणिपुर गया. लेकिन हमारे पीएम नहीं गए. क्योंकि उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है. मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है. आपने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया है. तोड़ दिया है. मैं राहत शिविरों में गया हूं, मैंने वहां महिलाओं से बात की. एक महिला से पूछा कि क्या हुआ तुम्हारे साथ. उसने कहा, मेरा छोटा सा बेटा, एक ही बेटा था. मेरे आंखों के सामने उसको गोली मारी गई. मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही. फिर मुझे डर लगा, मैंने अपना घर छोड़ दिया. मैंने पूछा कि कुछ तो लाई होगी. उसने कहा कि मेरे पास सिर्फ मेरे कपड़े हैं और एक फोटो निकालती है, कहती है कि यही बस मेरे पास बची है.

राहुल गांधी ने कहा, एक और उदाहरण दूसरे कैंप में एक महिला मेरे पास आई. मैंने उससे पूछा, तुम्हारे साथ क्या हुआ? जैसे ही मैंने उससे ये सवाल पूछा, वैसे ही एक सेकंड में वह कांपने लगी. उसने अपनी दिमाग में वह दृश्य देखा और वह बेहोश हो गई. मेरे सामने बेहोश हो गई. मैं ये सिर्फ दो उदाहरण दिए हैं. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है.

राहुल के इस बयान पर सत्तापक्ष ने हंगामा कर दिया. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, मणिपुर में 7 दशक में जो हुआ, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. राहुल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

राहुल गांधी ने कहा, बहुत सारे लोगों ने पूछा कि तुम क्यों चल रहे हो? तुम्हारा मकसद क्या है? तुम कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो. शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था. शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैं क्यों यात्रा कर रहा हूं. मैं लोगों को जानना चाहता था, उन्हें समझना चाहता था. थोड़ी देर में मुझे बात समझ आने लगी. जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार, जिस चीज के लिए मोदी की जेलों में जाने के लिए तैयार. जिस चीज को मैंने हर रोज गाली खाई. उस चीज को समझना चाहता था. ये है क्या? जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे समझना चाहता था.

राहुल ने कहा, हर रोज मैं 8-10 किलोमीटर चलता था. तो सोचता था कि मैं 20-25 किलोमीटर चल सकता हूं. मुझे अहंकार था. लेकिन भारत अहंकार को सेकेंड में मिटा देता है. दो तीन दिन में ही मेरे घुटनों में इतना दर्द हुआ कि मेरा अहंकार निकल गया. मेरा अहंकार भेड़िया से चीटी बन गया.

राहुल गांधी ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक किसान ने रुई का बंडल दिया. उसने कहा, मेरे पास राहुल जी यही बचा है. बाकी कुछ नहीं बचा. राहुल ने कहा, मैंने किसान ने पूछा कि उसे बीमा का पैसा मिला. उसने कहा, नहीं...भारत के बड़े उद्योगपतियों ने उसे छीन लिया. राहुल ने कहा, मैंने अजीब सी चीज देखी. उसके दिल में जो दर्द था, वो दर्द मैंने महसूस किया. उसका दर्द मेरा दर्द बन गया.

राहुल ने कहा, लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई कहता है कि ये अलग अलग भाषाएं हैं. कोई कहता है कि धर्म है. ये सोना है. ये चांदी है. मगर सच्चाई है कि देश एक आवाज है. यह देश सिर्फ एक आवाज है. दर्द है, दुख है. कठिनाई है. अगर इस आवाज को सुनना है, तो जो हमारा अहंकार है, हमारे सपने उसे किनारे करना पड़ेगा. तभी वो आवाज सुनाई देगी.