मुंबई: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि के मामले में मंगलवार को भिवंडी की अदालत में पेश हुए. अदालत ने राहुल पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आरोप तय किए. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने बयान दर्ज कराते हुए अपनी सफाई में कहा कि मैं बेकसूर हूं. अदालत में राहुल गांधी ने आरोपों को गलत बताया लेकिन कहा कि मैं केस का सामना करूंगा. इस दौरान राहुल के साथ महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण समेत महाराष्ट्र कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद थे.
बता दें कि राहुल इससे पहले भी इस मामले में पेश होते रहे हैं. दरअसल, उन्होंने एक रैली में कहा था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस की विचारधारा जिम्मेदार है. हत्यारा नाथूराम गोडसे राष्ट्रपिता को गोली मारने के समय भले ही हिंदू महासभा का सदस्य था, लेकिन इससे पहले वह आरएसएस का सदस्य था और उसकी विचारधारा वही थी जो आरएसएस की है.
कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान के खिलाफ संघ कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में भिवंडी की अदालत में मामला दर्ज किया था. शिकायत में दावा किया गया है कि राहुल के इस बयान से आरएसएस की छवि धूमिल हुई है और उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
बहरहाल, राहुल अदालत में पेशी के बाद मुंबई में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण अभ्यास के तहत गोरेगांव के बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र में पार्टी के बूथ स्तर के 15,000 कार्यकर्ताओं से सीधे बातचीत करेंगे. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम ने कहा कि यह राष्ट्रीय प्रयास 'प्रोजेक्ट शक्ति' के लांच को चिह्न्ति करेगा, जिसके माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष जमीनी कार्यकर्ताओं और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेंगे.