Rabindranath Tagore Death Anniversary 2020: कवि रविंद्रनाथ टैगोर के पुण्यतिथि पर बीजेपी, कांग्रेस समेत इन दिग्गज नेताओं ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
देश के महान साहित्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार, अभिनेता, निर्देशक, समालोचक, शिक्षाशास्त्री, विचारक, समाजसेवी जैसे कई पहलुओं को स्वयं में समेटे कवि रविंद्रनाथ टैगोर की आज पुण्यतिथि है. रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता के ब्रह्मसमाज के नेता देबेंद्रनाथ टैगोर के घर 13वें पुत्र के रूप में हुई थी.
Rabindranath Tagore Death Anniversary 2020: देश के महान साहित्यकार, कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार, अभिनेता, निर्देशक, समालोचक, शिक्षाशास्त्री, विचारक, समाजसेवी जैसे कई पहलुओं को स्वयं में समेटे कवि रविंद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की आज पुण्यतिथि है. रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता (Kolkata) के ब्रह्मसमाज के नेता देबेंद्रनाथ टैगोर (Debendranath Tagore) के घर 13वें पुत्र के रूप में हुई थी. टैगोर को गीतांजलि के लिए साल 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला, लेकिन उन्होंने जलियांवाला वाले बाग में सैकड़ों बेगुनाहों की नृशंस हत्याकांड (1919) के बाद दुःखी होकर उसे अंग्रेज सरकार को वापस लौटा दिया. टैगोर का निधन आज ही के दिन 7 अगस्त साल 1941 में हुआ था. रविंद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर कई लोगों ने अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, जो इस प्रकार हैं-
भारतीय जनता पार्टी:
कवि रविंद्रनाथ टैगोर के पुण्यतिथि पर बीजेपी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'भारतीय राष्ट्रगान के रचियता, महान कवि, साहित्यकार, दार्शनिक एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि.'
स्वतंत्र देव सिंह:
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'विश्वविख्यात कवि, युगदृष्टा साहित्यकार, दार्शनिक राष्ट्रगान के रचनाकार और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन.'
कांग्रेस:
बीजेपी राजस्थान:
डॉ. दिनेश शर्मा:
अरविंद केजरीवाल:
बता दें कि कविगुरू रवींद्रनाथ टैगोर दुनिया के अकेले कवि हैं, जिनकी तीन रचनाएं तीन देशों के राष्ट्रगान का गौरव हासिल करती हैं. भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन अधिनायक जय हो' कविगुरू के मूल बांग्ला भाषा की कविता का हिस्सा है. बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला..' भी उन्हीं की एक कविता की पहली दस पंक्तियां हैं. जिसे 1905 में लिखा गया और 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान राष्ट्रगान में लिया गया. तीसरे देश श्रीलंका का राष्ट्रगीत 'श्रीलंका मथा...' भी टैगोर की कविता से प्रेरित है. कहते हैं कि इसके मूल लेखक आनंद समरकून शांतिनिकेतन में काफी समय टैगोर के सानिध्य में रहे. श्रीलंका के राष्ट्रगान का एक हिस्सा उनकी कविता से प्रेरित है.