जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर विरोध जारी है. प्रशांत किशोर ने एनआरसी को नागरिकता की नोटबंदी बताया. रविवार को अपने एक ट्वीट में प्रशांत किशोर ने लिखा, "देशभर में एनआरसी का विचार नागरिकता की नोटबंदी (Demonetisation of Citizenship) के बराबर है. जब तक आप इसे साबित नहीं करते तब तक आप अमान्य हैं. हम अपने अनुभव से जानते हैं कि गरीब और हाशिए पर खड़े लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.' नागरिकता संशोधन कानून पर प्रशांत किशोर का पार्टी से तकरार भी चल रहा है. इस बीच शनिवार को प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी.
मिली जानकारी के मुताबिक नीतिश से मुलाकात के दौरान प्रशांत किशोर ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश भी की. प्रशांत किशोर की इस पेशकश को नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया. करीब डेढ़ घंटे मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए किशोर ने कहा था कि नीतीश देशभर में एनआरसी के मामले में अभी भी विरोध के पुराने स्टैंड पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि सीएम को लगता है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून एक साथ खतरनाक हैं.
प्रशांत किशोर का ट्वीट-
The idea of nation wide NRC is equivalent to demonetisation of citizenship....invalid till you prove it otherwise.
The biggest sufferers would be the poor and the marginalised...we know from the experience!!#NotGivingUp
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 15, 2019
बता दें कि प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने नागरिकता बिल को सरकार के हाथों में एक घातक हथियार बताया था. उन्होंनेट्वीट किया था, ''हमें बताया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल (CAB) नागरिकता प्रदान करने के लिए है और यह किसी से नागरिकता छीनेगा नहीं. हालांकि सच यह है कि यह एनआरसी के साथ मिलकर धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में एक घातक हथियार देगा.''