साल 2020 में प्रधानमंत्री मोदी का रहेगा व्यस्ततम राजनयिक कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2020 के राजनयिक दौरे के रूप में महत्वपूर्ण यात्राएं करने की उम्मीद है. जनवरी के अंतिम सप्ताह में नरेंद्र मोदी को स्विट्जरलैंड स्थित दावोस में आयोजित मीटिंग में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साल 2020 के राजनयिक दौरे के रूप में महत्वपूर्ण यात्राएं करने की उम्मीद है. जनवरी के अंतिम सप्ताह में नरेंद्र मोदी को स्विट्जरलैंड (Switzerland) स्थित दावोस में आयोजित मीटिंग में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. इसके बाद ढाका में आयोजित बांगलादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के जन्म शताब्दी समारोह के शुभारंभ के अवसर पर भी नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है. इस दौरे को लेकर मोदी काफी उत्साहित हैं.
मई माह की 9 तारीख को नरेंद्र मोदी मास्को में आयोजित विजय दिवस समारोह में भाग लेंगे. इसी दौरान रूस के मास्को स्थित रेड स्कॉवयर में एक भारतीय सैन्य टुकड़ी के साथ मीटिंग में शामिल होंगे. इसके अलावा मोदी यूरोपीय राजधानियों का भी दौरा कर सकते हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जुलाई माह में प्रधानमंत्री एक बार पुनः रूस स्थित सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित SCO-BRICS शिखर सम्मेलन में उपस्थित होंगे.
इसी वर्ष ब्रुसेल्स में आयोजित भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के अगले एडिशन में भी दोनों पक्षों को मजबूत बनाने की दिशा में आयोजित कार्यक्रम में पीएम के भाग लेने का कार्यक्रम है.
नवंबर माह में G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रियाद तथा इसके बाद वियतनाम में आयोजित पूर्वी एशिया और ASEAN शिखर सम्मेलन में भी नरेंद्र मोदी के उपस्थित होने की संभावना है. इसी वर्ष चीन में आयोजित तीसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में भी मोदी हिस्सा लेंगे.
नई दिल्ली पीएम हाउस से प्राप्त अपुष्ट खबरों के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रशांत द्वीप के राज्याधिकारियों के साथ भी महत्वपूर्ण मीटिंग में भाग लेने की योजना है. इसी वर्ष भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन का (fourth edition) चौथा संस्करण भी निर्धारित है, जिसमें नरेंद्र मोदी के भाग लेने की चर्चा है.
इसके साथ ही सभी की निगाहें इस बात पर भी होंगी कि जी-7वें शिखर सम्मेलन के मेजबान यूएसए भारत को वैश्विक मीटिंग के लिये अतिथि देश के रूप में आमंत्रित करता है या नहीं.
जनवरी में विदेशी नेताओं की भारत यात्रा की भी योजना लगभग तय है. अगले माह आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री का भी भारत का दौरे की भी संभावना है. नये वर्ष में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (20वें संस्करण) में रूसी राष्ट्रपति भी भारत पहुंच रहे हैं. नागरिक कानून को लेकर गुवाहाटी में हुए विरोध प्रदर्शन के कारण जापान के प्रधानमंत्री शिंबो आबे का शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का जो कार्यक्रम रद्द हुआ था, बदले हुए कार्यक्रम के तहत अब नये साल के पहले छमाही में भारत दौरे की संभावना है. वर्ष के अंत में पहली बार भारत SCO प्रमुखों की मेजबानी भी करेगा. इस तरह कहा जा सकता है कि साल 2019 की तरह नये वर्ष 2020 में भी प्रधानमंत्री का यह राजनयिक दौरा देश के लिए एक उपलब्धि साबित होगा.