Bihar Politics: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चा है कि आगामी बिहार उपचुनाव की सीटें छोड़कर भाजपा के लिए प्रचार करने और कश्मीर में एनडीए सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए पशुपति पारस को राज्यपाल बनाया जा सकता है. हाल ही में बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उनसे पटना स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की थी. इससे अब पारस का राजनीतिक भाग्य पुनर्जीवित होता दिख रहा है.
पारस के साथ भाजपा की बढ़ती नजदीकियों को चिराग पासवान के साथ मतभेदों से भी बल मिलता है, जिनके हाल के तीन फैसलों ने भगवा पार्टी को परेशान कर दिया है. ये तीन फैसले हैं वक्फ संशोधन विधेयक , लैटरल एंट्री सिस्टम और कोटा-इन-कोटा का विरोध है.
चिराग के तीखे तेवरों के बीच अमित शाह से मिले पशुपति पारस
Rashtriya Lok Janshakti Party (RLJP) national president and former Union minister Pashupati Kumar Paras met Union Home Minister Amit Shah, in Delhi
(Source - RLJP) pic.twitter.com/KHr4lydTcc
— ANI (@ANI) August 26, 2024
दरअसल, एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ अपील दायर की है. उन्होंने केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का दबाव बनाया है. इसके अलावा उन्होंने लेटरल एंट्री सिस्टम में आरक्षण की मांग की, जिसके तहत केंद्र सरकार ने हाल ही में यूपीएससी की 45 सीटों के लिए विज्ञापन दिया था, लेकिन बाद में इस फैसले को पलट दिया. इतना ही नहीं, चिराग पासवान ने विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक को गहन जांच के लिए संसदीय समिति को भेजने की मोदी सरकार की मांग पर भी सहमति जताई है.