Opposition Walk Out Video: राज्यसभा में विपक्ष का वॉकआउट, पीएम मोदी बोले- 'झूठ फैलाने वाले सच नहीं सुन पा रहे'
विपक्षी सांसदों के सदन से बाहर निकलने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच्चाई सुनने की ताकत नहीं है.
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, नारेबाजी की और सदन से बहिष्कार कर दिया. विपक्षी सांसदों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने नहीं दिया गया और उन्हें बोलने का मौका मिलना चाहिए.
विपक्षी सांसदों के सदन से बाहर निकलने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच्चाई सुनने की ताकत नहीं है. जो सच्चाई का सामना करने का साहस नहीं रखते, वे इस बहस में उठाए गए सवालों के जवाब सुनने का साहस भी नहीं रखते. वे उच्च सदन का अपमान कर रहे हैं, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं."
विपक्ष के वॉकआउट की सभापति जगदीप धनखड़ ने भर्त्सना की और कहा कि इससे देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे. आज वो सदन छोड़कर नहीं, मर्यादा छोड़कर गए हैं. ये हमारा और आपका अपमान नहीं, सदन का अपमान है. वह मुझे पीठ दिखाकर नहीं गए हैं, भारत के संविधान को पीठ दिखाकर गए हैं. बहुत दुखी हूं, भारत के संविधान का इतना अपमान, इतना बड़ा मजाक. आशा करता हूं कि वे आत्ममंथन करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों ने जो जनादेश दिया है, उसको ये पचा नहीं पा रहे हैं. कल इनके सारे हथकंडे फेल हो गए. आज इनमें लड़ने का हौसला भी नहीं रहा. मैं तो कर्तव्य से बंधा हुआ है. देश का सेवक हूं. उन्होंने फर्टिलाइजर को लेकर कहा कि वैश्विक संकटों की वजह से कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं लेकिन हमने 12 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर इसका असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया. हमने कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक पैसा किसानों तक पहुंचाया. अन्नभंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हमने हाथ में लिया और इस दिशा में काम चल पड़ा है. फल और सब्जी की तरफ हम चाहते हैं कि किसान मुड़े और उसके भंडारण की दिशा में हम काम कर रहे हैं. सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है. आजादी के बाद अनेक दशकों दक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है. दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है. हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित वर्ग ट्रांसजेंडर वर्ग है. हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है. पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना प्रोग्रेसिव है. पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई.